बर्न स्टैंडर्ड को लिक्विड मनी का संकट

बर्नपुर : सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बासुदेव आचार्या ने शुक्रवार को बर्न स्टैंडर्ड कारखाने का निरीक्षण किया और वैगन निर्माण लक्ष्य पूरा नहीं होने व समय पर वेतन भुगतान नहीं होने के मुद्दे पर महाप्रबंधक एफ अहमद से वार्ता की. उनके साथ यूनियन नेता निरापद माजी, देवाशिष कर्मकार, इंटक नेता हरदेव सिंह, एचएमएस नेता डीके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2015 12:31 AM
बर्नपुर : सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बासुदेव आचार्या ने शुक्रवार को बर्न स्टैंडर्ड कारखाने का निरीक्षण किया और वैगन निर्माण लक्ष्य पूरा नहीं होने व समय पर वेतन भुगतान नहीं होने के मुद्दे पर महाप्रबंधक एफ अहमद से वार्ता की. उनके साथ यूनियन नेता निरापद माजी, देवाशिष कर्मकार, इंटक नेता हरदेव सिंह, एचएमएस नेता डीके वर्मा, एटक नेता चित्त बोस, देवदास बनर्जी, नारायण कुंडू आदि मौजूद थे. महाप्रबंधक श्री अहमद ने मुख्य कारण लिक्विड मनी की कमी बताया.
पूर्व सांसद श्री आचार्या ने बताया कि बर्न स्टैंडर्ड यूनिट में 39 वैगन निर्माण का लक्ष्य कुछ कमियों के कारण पूरा नहीं हो पा रहा है. उन कर्मियों को कंपनी से निकालने की कोई स्थिति नहीं है. कर्मियों का वेतन भुगतान 18 तारीख तक हो रही है.
कर्मियों को मिलनेवाली सुविधाओं में कटौती हो रही है. इन मुद्दों को लेकर महाप्रबंधक श्री अहमद से सभी यूनियन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बात की गयी. महाप्रबंधक श्री अहमद ने लिक्विड मनी की कमी को वैगन निर्माण लक्ष्य पूरा नहीं होने का मुख्य कारण बताया. महाप्रबंधक ने कर्मियों के हित में हर संभव कार्य करने का आश्वासन दिया, लेकिन फंड की कमी के कारण कार्य पूरा करने में असमर्थता जतायी.
फंड की कमी के कारण वैगन निर्माण में लगने वाले कई सामानों की खरीदारी नहीं हो पा रही है. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस मामले में रेल मंत्री, रेलवे मंत्रलय के अधिकारियों समेत रेलवे बोर्ड के मेंबर ऑफ मेक्निकल से बात करेंगे और इन समस्याओं के समाधान की अपील करेंगे.
श्री आचार्य ने हावड़ा स्थित बर्न स्टैंडर्ड कंपनी के महाप्रबंधक शांतनु सरकार के साथ मारपीट और बुधवार की रात कंपनी प्रबंधन द्वारा कार्य स्थगन का नोटिस लगाये जाने की निंदा की. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना का वे विरोध करते है, लेकिन कंपनी को भी इतनी जल्दी कार्य स्थगन का नोटिस नहीं लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राहत की बात है कि प्रबंधन ने इस मुद्दे पर सकारात्मक पहल करते हुए वर्क संस्पेंशन की नोटिस वापस ले ली है.

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