देश के हर बोर्ड में साइंस और मैथ का सिलेबस होगा एक जैसा

आसनसोल : नेशनल बोर्ड हो या स्टेट बोर्ड, अब हर बोर्ड में एक ही मैथ और साइंस की किताबें पढ़ी जायेंगी. अब छात्रों को कंप्लेन नहीं रहेगी कि किसी बोर्ड का पेपर कठिन था, तो किसी का आसान. क्योंकि अब सीबीएसइ हो या स्टेट बोर्ड हो, 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स मैथ और साइंस की एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2015 12:32 AM
आसनसोल : नेशनल बोर्ड हो या स्टेट बोर्ड, अब हर बोर्ड में एक ही मैथ और साइंस की किताबें पढ़ी जायेंगी. अब छात्रों को कंप्लेन नहीं रहेगी कि किसी बोर्ड का पेपर कठिन था, तो किसी का आसान. क्योंकि अब सीबीएसइ हो या स्टेट बोर्ड हो, 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स मैथ और साइंस की एक जैसी किताब पढ़ेंगे और इन विषयों की परीक्षाएं भी एक जैसी ही होंगी.
वर्ष 2016 की बोर्ड परीक्षा के दौरान पूरे देश में 12वीं कक्षा के मैथ और साइंस का सिलेबस और एग्जामिनेशन पैटर्न एक जैसा रहेगा. यह प्रावधान नयी शिक्षा नीति के तहत लागू किया जायेगा. मानव संसाधन मंत्रलय की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है.
काउंसिल ऑफ बोर्डस ऑफ स्कूल एजुकेशन इन इंडिया (कोब्से) के अनुसार हर बोर्ड को एक समान करने की पहल की जा रही है. इसके लिए सबसे पहले मैथ और साइंस के बुक को एक किया जायेगा. कोब्से की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई थी. अगर पूरे देश में मैथ और साइंस की किताब एक हो जायेगी तो छात्रों को काफी फायदा होगा. इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी यह मददगार होगा.
सीबीएसइ के पूर्व चेयरमैन विनीत जोशी ने कहा कि चूंकि इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा में देश भर के छात्र शामिल होते हैं. ऐसे में पूरे देश में मैथ और साइंस का सिलेबस एक होने से किसी तरह की शिकायत नहीं रह जायेगी. इस कारण ऐसा किया जा रहा है. छात्रों को इससे बहुत सुविधा होगी. उनकी शिकायत भी नहीं आयेगी. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में कई स्टेट ने मैथ और साइंस के सिलेबस को सीबीएसइ के अनुसार ही कर दिया है और वहां एनसीइआरटी की बुक्स चलाना शुरू किया है. क्योंकि एनसीइआरटी की बुक आदर्श बुक मानी जा रही है. किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में उनका उपयोग किया जाता है. इस कारण नयी शिक्षा नीति में साइंस-मैथ का एक सिलेबस करने का प्लान है.
कोर्स हो रहा डिजाइन
काउंसिल ऑफ बोर्डस ऑफ स्कूल एजुकेशन इन इंडिया ने एक कमेटी बनायी है. इसमें सभी स्टेट बोर्ड के मेंबर कोर्स डिजाइन करेंगे. मार्किग पैटर्न एक जैसा रहेगा. अगले साल से इसे लागू किया जा सकेगा. सिलेबस बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. सीबीएसइ के को-ऑर्डिनेटर डॉ राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि नये सिस्टम का फायदा प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों को होगा. सीबीएसइ 12वीं के टॉप 20 स्टूडेंट्स के साथ आइसीएसइ बोर्ड या स्टेट बोर्ड के टॉप 20 स्टूडेंट्स से तुलना नहीं की जा सकेगी.
20 राज्यों में सीबीएसइ पैटर्न
पिछले एक साल के दौरान कई स्टेट बोर्ड ने सीबीएसइ पैटर्न को अपनाया है. इसमें परीक्षा पैटर्न के साथ कोर्स भी शामिल किया गया है. कोब्से की ओर से तमाम स्टेट बोर्ड से एक सिलेबस करने का आग्रह किया गया है. हाल में हुए कोब्से की बैठक में भी एक सिलेबस करने पर विचार किया गया है. 2014 में आंध्र प्रदेश, ओड़िशा, झारखंड, राजस्थान के साथ कुल 20 स्टेट हैं, जहां पर अभी एनसीइआरटी के ही मैथ और साइंस की किताबें पढ़ाई जा रही हैं.
अभी कुछ राज्य ऐसे हैं जहां पर राज्य का अपना सिलेबस चलाये जा रहे हैं. इसमें तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर आदि राज्य शामिल हैं. कोब्से की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि ये राज्य भी एनसीइआरटी के ही मैथ और साइंस की किताबें लागू करे.

Next Article

Exit mobile version