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सीपीआइ कर्मियों का धरना

आसनसोल : केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ तथा तीन सूत्री मांगों को केंद्र ककर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की आसनसोल लोकल कमेटी ने शनिवार को हॉटन रोड मोड़ के समक्ष स्थित लेनिन प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. पूर्व सांसद व बर्दवान जिला सचिव आरसी सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे. पूर्व सांसद श्री सिंह […]

आसनसोल : केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ तथा तीन सूत्री मांगों को केंद्र ककर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की आसनसोल लोकल कमेटी ने शनिवार को हॉटन रोड मोड़ के समक्ष स्थित लेनिन प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. पूर्व सांसद व बर्दवान जिला सचिव आरसी सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे.
पूर्व सांसद श्री सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के बजट में भले ही जनपक्षीय दिखाने की कोशिश की गयी है, लेकिन इस बजट में सब कुछ खास है. बजट में सर्विस टैक्स दो फीसदी वृद्धि किये जाने से खाने-पीने से लेकर आम जीवन से जुड़ी हर तरह की सेवा महंगी हो गयी है. रेस्टूरेंट में खाना-पीना से लेकर शादी के पंडाल निर्माण व मैरेज हॉल की बुकिंग तक महंगे हो गये हैं. बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू पर टैक्स बढ़ने से वे सभी और महंगे हो गये है. लेकिन शराब के टैक्स में कोई वृद्धि नहीं की गयी है. जिससे यह साफ है कि केंद्र सरकार अपने बजट में पूंजिपतियों को लाभ पहुंचाने के लिये कानून बनाने से भी पीछे नहीं हट रही है. उन्होंने कहा कि लंबे आंदोलन के बाद पिछले वर्ष संसद से जमीन अधिग्रहण के लिए कानून बना था.
इसमें दो बातें मुख्य थी. उसमें स्पष्ट कहा गया था कि खेती योग्य भूमि का अधिग्रहण नहीं होगा तथा अधिग्रहण से पहले 80 फीसदी भूमि मालिकों की सहमति जरूरी होगी. लेकिन किसान विरोधी सरकार ने इस कानून में बदलाव लाने के लिए अध्यादेश जारी कर दिया. इसमें दोनों की शत्तरे को हटा दिया गया. प्रावधान किया गया कि कोई भी पूंजीपति अपने व्यवसाय के लिए जिस भी जमीन की आवश्यकता जताया, सरकार किसान से उसे लेकर उसके हवाले कर देगी.
यानी परोक्ष रूप से पूंजीपति ही हर जमीन के मालिक होंगे. सरकार भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल पारित होने के बाद गांवों को खाली करा कर सरकार पूंजिपतियों के हाथों में सौंप देगी. जिला सचिव श्री सिंह ने कहा कि सरकार कोयला उद्योग का निजीकरण करना चाहती है. पहले की यूपीए सरकार ने संविधान को ताक पर रख कर कोयला ब्लॉकों का आवंटन कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 224 ब्लॉकों का आवंटन कर दिया. इस सरकार ने निलामी के नाम पर निजी कंपनियों को वाणिज्यिक उत्पादन की अनुमति दे दी है.
इसके कारण सरकारी कंपनी कोल इंडिया धीरे-धीरे बंद होगी तथा निजी कंपनियों को कोयला बेचने का अधिकार मिलने से उनका कब्जा होगा. श्रमिकोंका शोषण बढ़ेगा तथा देश में अराजकता बढ़ेगी. छोटे-छोटे उद्योंगो के लिए अस्तित्व बचाना मुश्किल हो जायेगा. इस्को स्टील प्लांट में पुराने ठेका कर्मियों की छंटनी कर नये श्रमिकों को नियोजित किया जा रहा है तथा उनसे हजारों रूपये की वसूली की जा रही है. इन सबके खिलाफ पार्टी ने देशव्यापी आंदोलन शुरू किया है.
धरना में केंद्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की गयी. कृषि भूमि का जबरन अधिग्रहण वापस लेने, कोल ब्लॉक की निलामी के नाम पर नीजिकरण बंद करने तथा कॉरपोरेट पूंजीपति समर्थित केंद्रीय बजट को वापस लेने की मांग की गयी. पार्टी की आसनसोल लोकल कमेटी के सचिव व पूर्व उपमेयर माणिक मालाकार, पूर्व उपमेयर विनोद सिंह, पूर्व मेयर परिषद सदस्य मंजू प्रसाद, पूर्व पार्षद कविता यादव, अनिल सिंह, जीएस ओझा, श्रीचन बनर्जी, मोहम्मद इलियास, शैलेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे.

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