आसनसोल : रेलवे बोर्ड ने ‘नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ’ स्कीम में बदलाव किया है. नये नियम के मुताबिक सेफ्टी केटेगरी में 10 वर्ष सेवा की न्यूनतम अर्हता तय की गयी है. इस केटेगरी के विभागों में पहले 33 वर्ष सेवा की अर्हता थी, जिसे बाद में 20 वर्ष किया गया. अब 10 वर्ष कर दिया गया है. इस बाबत बोर्ड ने आदेश जारी कर इसके अनुपालन के लिए पूर्व रेलवे समेत सभी जोनल रेल जीएम को पत्र के माध्यम से सूचना दी है.
इन पदों के लिए होगी बहाली
लोको पायलट के पद पर 10 वर्ष नौकरी कर चुके रेलकर्मी की जगह वोलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) के तहत उनके पुत्र या आश्रित की बहाली की जा सकेगी. इसी तरह गैंग मैन, फीटर, हेल्पर समेत विभिन्न पदों पर 10 वर्ष से काम कर रहे रेलकर्मियों के वीआरएस लेने पर उसी पद पर बहाली ली जायेगी, हालांकि उस पद पर बहाली के लिए तकनीकी दक्षता वाले को प्राथमिकता दी जायेगी.
यूनियनों का आंदोलन सार्थक
यूनियन नेताओं ने कहा कि रेलवे में नौकरी छोड़ो-नौकरी पाओ स्कीम के लिए यूं तो ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिया रेलवे मेंस(एनएफआइआर) ने कई बार रेल प्रशासन पर दवाब बनाया, इस कड़ी ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन का आंदोलन रंग लाया और रेल प्रशासन ने नौकरी छोड़ो- नौकरी पाओ स्कीम में बदलाव किया. नौकरी छोड़ो-नौकरी पाओ स्कीम के तहत वीआरएस लेने वाले सेफ्टी केटेगरी के रेलकर्मियों को लाभ मिल सकेगा और वह भी अब 10 वर्षो की सेवा अर्हता की समय सीमा में. इसके लिए रेलवे प्रशासन ने नया आदेश जारी किया है.