हमले की आशंका से सहमे कर्मी

सुरक्षा पर सवाल : झाझा रेलखंड की रात्रिकालीन ट्रेनों में अब सशस्त्र स्कॉट आसनसोल : जमुई सहित विभिन्न स्टेशनों पर बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर अप व मेन लाइन की रात्रिगामी एक्सप्रेस ट्रेनों में झाझा तक आधुनिक हथियारों से लैस आरपीएफ स्कॉट टीम की तैनात कर दी गयी है. यात्री भले ही राहत महसूस कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2015 12:13 AM
सुरक्षा पर सवाल : झाझा रेलखंड की रात्रिकालीन ट्रेनों में अब सशस्त्र स्कॉट
आसनसोल : जमुई सहित विभिन्न स्टेशनों पर बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर अप व मेन लाइन की रात्रिगामी एक्सप्रेस ट्रेनों में झाझा तक आधुनिक हथियारों से लैस आरपीएफ स्कॉट टीम की तैनात कर दी गयी है. यात्री भले ही राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन हथियारबंद जवानों में असुरक्षा का माहौल है. उनका कहना है कि नक्सलियों व सीपीआई (माओवादी) के उग्रवादियों के हमलों के मद्देनजर रात्रिकालीन स्कॉट पार्टी से हथियार हटाकर लाठी दे दी गयी थी.
माना गया था कि हथियारों के लिए ही माओवादी तथा नक्सली स्कॉट पार्टी पर हमला करते हैं. जबकि रेल मंडल के पूर्व वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त अमरेश कुमार का कहना है कि अत्याधुनिक हथियार, बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ 10 आरपीएफ और 10 जीआरपी के जवान किये गये हैं. उनकी सुरक्षा के सभी आवश्यक इंतजाम किये गये हैं.
आरपीएफ कर्मियों के अनुसार वर्ष 2007 में झाझा के निकट नक्सलियों ने आरपीएफ स्कॉट पार्टी पर हमला किया था. इसमें दो आरपीएफ जवान शहीद हो गये थे और दो गंभीर रूप से घायल हुये थे.
जवानों के हथियार लूट लिए गये थे. उसके बाद से ही उक्त रेल खंड में सशस्त्र आरपीएफ स्कॉटिंग बंद कर दी गयी थी. स्कॉट टीम लाठी धारी होती थी. विभिन्न नक्सली हमलों में पूरी स्पष्टता से बात सामने आती है कि हमला हथियार लूटने के उद्देश्य से किया जाता है. मुख्यालय से पुन: स्कॉट पार्टी को आधुनिक हथियारों से लैस कर दिया गया है. उनके अनुसार हथियारों के मद्देनजर पुन: हमले की आशंका बन सकती है. इससे यात्रियों व जवानों ावानों पर हमले की संभावना और भी बढ़ गयी है. जिसमें यात्री भी प्रभावित हो सकते हैं. नक्सली तीन से चार सौ की संख्या में हमला करते हैं, उन्हें रोकने के लिए 10 जवान नाकाफी है.
कर्मियों ने बताया कि झाझा में जवानों के ठहरने की भी अच्छी व्यवस्था नहीं है. रात स्टेशन पर इधर-उधर घूम कर बिताना पड़ता है. जीआरपी कर्मी भी झाझा स्टेशन पर नहीं रुकते हैं. स्थानीय प्रशासन भले ही सहयोग की बात कही जाती है, लेकिन जिन स्थानों पर नक्सली हमले होते हैं, वहां लोकल प्रशासन द्वारा तत्काल सहयोग काफी मुश्किल से मिलता है. ऐसे में कर्मियों की संख्या तीन गुणा बढ़ायी जाये. उन्होंने कहा कि इस समस्या से एसोसिएशन को भी अवगत कराया गया है.
आरपीएफ एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष बीके सिंह ने कहा कि समस्या की जानकारी उन्हें मिली है. इस मामले में अधिकारियों से बात कर सम्मानजनक हल निकाला जायेगा.
पूर्व रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त वीके ढाका का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए फिर से रात को चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों में सशस्त्र आरपीएफ स्कॉट टीम भेजी जा रही है. यात्रियों के साथ ही जवानों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया है. जवान हमेशा स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहेंग. झाझा में जवानों के सुरक्षा के लिए भी विशेष व्यवस्था रहेगी.

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