जबरन धर्मातरण के खिलाफ प्रदर्शन

आसनसोल : जबरन धर्मातरण बंद करने समेत 17 सूत्री मांगों के समर्थन में आदिवासी सेंगल अभियान के सदस्यों ने शुक्रवार को महकमाशासक अमिताभ दास के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया तथा ज्ञापन सौंपा. शिष्टमंडल में एस हेम्ब्रम, लक्खी राम मरांडी, जिरहु हेम्ब्रम, बीएल हेम्ब्रम, एसएम हेम्ब्रम आदि शामिल थे. उन्होंने बताया कि विरभूम, रामपुरहाट सहित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2015 8:40 AM

आसनसोल : जबरन धर्मातरण बंद करने समेत 17 सूत्री मांगों के समर्थन में आदिवासी सेंगल अभियान के सदस्यों ने शुक्रवार को महकमाशासक अमिताभ दास के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया तथा ज्ञापन सौंपा. शिष्टमंडल में एस हेम्ब्रम, लक्खी राम मरांडी, जिरहु हेम्ब्रम, बीएल हेम्ब्रम, एसएम हेम्ब्रम आदि शामिल थे.

उन्होंने बताया कि विरभूम, रामपुरहाट सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासियों का जबरन धर्मातरण बंद होना चाहिए. आदिवासियों के धर्म सारना को सरकारी मान्यता प्रदान करनी होगी. संथाली भाषा को वर्ष 2003 में मान्यता मिलने के बावजूद इसे उपयुक्त उचित स्थान नहीं मिल पाया है. संथाली भाषा की ओलचिकी लिपि को पठन-पाठन में बढ़ावा दिया जाना चाहिए और पश्चिम बंगाल में संथाली भाषा को राज्य की द्वितीय भाषा का दर्जा मिले.

आदिवासी बहुल क्षेत्रों में रास्ता, पेयजल, लाइट, स्कूल आदि की व्यवस्था होनी चाहिए. एस/एसटी व ओवीसी प्रमाण पत्र बनाने के दौरान अधिकारियों द्वारा तरह-तरह के कागजात के नाम पर परेशान करने की परंपरा को बंद किया जाना चाहिए.

राज्य में आदिवासियों को झूठे आरोपों में फंसाने की नीति को बंद किया जाये और झूठे मामलों में पकड़े गये आदिवासी समुदाय के लोगों को मुक्त किया जाये. आदिवासियों की जमीन को गलत तरीके से हड़पने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. आदिवासियों के पर्व-त्योहार व महापुरुषों के जन्म व मृत्यु दिवस को छुट्टी घोषित हो. यदि उनकी मांगे जल्द नहीं पूरी की गयी तो जोरदार आंदोलन किया जायेगा.

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