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हत्याकांड में छह वर्ष का सश्रम कारावास

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आसनसोल : टोयटा कंपनी कर्मी व चुचुड़ा (हुगली) निवासी प्रतिन जय मुखर्जी हत्याकांड में सुनवाई के बाद शनिवार को आसनसोल कोर्ट के फास्ट ट्रेक फस्र्ट कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुपर्णा राय ने आरोपी अघरे तिवारी को छह साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई तथा 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माना भुगतान न […]

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आसनसोल : टोयटा कंपनी कर्मी व चुचुड़ा (हुगली) निवासी प्रतिन जय मुखर्जी हत्याकांड में सुनवाई के बाद शनिवार को आसनसोल कोर्ट के फास्ट ट्रेक फस्र्ट कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुपर्णा राय ने आरोपी अघरे तिवारी को छह साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई तथा 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
जुर्माना भुगतान न करने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास का प्रावधान रखा. इस मामले में अन्य तीन आरोपी रतन मिश्र, बापन उर्फ शेखर बोस तथा विश्वजीत दास को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया.
कोर्ट सूत्रों ने बताया कि चुचुड़ा निवासी प्रतिन जय नेशनल हाइवे दो ममें स्थित जुबली मोड़ (आसनसोल) स्थित कंपनी के शोरूम में कार्यरत था. वह कल्याणपुर सेटेलाइट टाउनशीप कॉलोनी के निवासी वरूण गोराई के मकान में किरायेदार के रूप में रहता था. वह अपनी कार आवास के पास ही रखता था.
तीन फरवरी, 2006 की रात्रि वह अपने आवास के पास कार पार्किग कर रहा था. इस दौरान चार युवकों के साथ उसका विवाद हो गया था. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी थी. चार फरवरी को पुन: चारों आरोपी उसके घर चले आये तथा नये सिरे से विवाद शुरू हो गया. दोनों पक्षों में मारपीट हुई.
अघरे तिवारी ने लोहे के रड से उसके सिर पर हमला कर दिया. जबकि रतन मिश्र, बापन उर्फ शेखर बोस तथा विश्वजीत दास वहां मौजूद थे. रड के हमले में उसका सर फट गया. इलाज के लिए उसे आसनसोल महकमा अस्पताल में दाखिल कराया गया. स्थिति गंभीर होने पर उसके परिजनों ने उसका इलाज विभिन्न निजी अस्पतालों में कराया. अंत में उसे अपोलो अस्पताल (कोलकाता) में दाखिल कराया गया. तीन माह तक वह कोमा में रहा. बाद में उसकी मौतत हो गयी.
इस संबंध में मकान मालिक वरूण गोराई ने आसनसोल नॉर्थ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें उपरोक्त सभी चार आरोपियों को अभियुक्त बनाया गया. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा.
बाद में कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा किया. इसके बाद फास्ट ट्रैक में इसकी सुनवाई की. अभियोजन पक्ष से सहायक लोक अभियोजक चपन मुखर्जी ने आधा दर्जन गवाहों से गवाही दिलायी.
शनिवार को आदेश सुनाने से पहले सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद थे. सजा सुनाये जाने के बाद कोर्ट पुलिस ने अघरे तिवारी को गिरफ्तार कर लिया. अन्य तीन आरोपियों को मुक्त तक दिया गया.

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