10 कंपनियों के 375 प्रतियोगी शामिल

अनुष्ठान. त्रिदिवसीय सीआइएल इंटर कंपनी कल्चरल मीट 2014-15 का उदघाटन आसनसोल : इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राकेश सिन्हा ने कहा कि बड़ी प्रतियोगिता हमेशा सीखने तथा टीम वर्क को बढ़ावा देती है. हार व जीत को महत्व न देते हुये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए. वे बुधवार को स्थानीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2015 12:26 AM
अनुष्ठान. त्रिदिवसीय सीआइएल इंटर कंपनी कल्चरल मीट 2014-15 का उदघाटन
आसनसोल : इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राकेश सिन्हा ने कहा कि बड़ी प्रतियोगिता हमेशा सीखने तथा टीम वर्क को बढ़ावा देती है. हार व जीत को महत्व न देते हुये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए.
वे बुधवार को स्थानीय रविन्द्र भवन में आयोजित त्रिदिवसीय सीआइएल इंटर कंपनी कल्चरल मीट 2014-15 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इसमें सीआइएल सहित उसकी अनुषांगिक कोयला कंपनियों व सिंगरैनी कोलियरीज कोलफील्ड लिमिटेड के 375 प्रतियोगी भाग ले रहे हैं. इसका समापन शुक्रवार को होगा.
सीएमडी श्री सिन्हा ने कहा कि टीम वर्क की बदौलत कंपनी ने लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है.सीआइएल के चेयरमैन के कंपनी दौरे के बाद कोयला मंत्रलय के सचिव ने कंपनी का दौरा किया तथा कंपनी के प्रदर्शन पर बधाई दी. इसके बाद कोल इंडिया लिमिटेड के स्तर से इस सांस्कृतिक अनुष्ठान के आयोजन का दायित्व कंपनी के लिए गर्व की बात है.
इस आयोजन में शामिल होनेवाले प्रतियोगियों को एक-दूसरे को जानने के साथ-साथ एक – दूसरे से सीखने का भी मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी के प्रतियोगियों का प्रदर्शन लगातार शानदार रहा है. लेकिन उनकी कामना है कि अन्य कंपनियों के प्रतियोगी शानदार प्रदर्शन कर कंपनी को गौरवान्वित करें.
कंपनी के कार्मिक निदेशक केएस पात्र ने कहा कि कंपनी ने बीते वित्तीय वर्ष में सीएमडी श्री सिन्हा के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन किया. बीआइएफआर से निकलने के साथ-साथ उत्पादन लक्ष्य से 105 फीसदी अधिक का उत्पादन किया.
यही स्थिति कोयला प्रेषण व ओवर बर्डेन हटाने के क्षेत्र में रहा. कंपनी कोयला खनन के साथ खेलकूद तथा सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बेहतर प्रदर्शन किया है. बंगाल कला व संस्कृति की दृष्टि से काफी समृद्ध रहा है. यहां की युवा पीढ़ी पढ़ढ़ाई के साथ नृत्य, संगीत व पेंटिंग सहित विभिन्न कला में रूचि रखती है. गाजिर्यन भी अपने बच्चों को इनमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता ममें भागीदारी से प्रतिभा निखरती है. इसमें हार-जीत के अलग मायने होते हैं. इसमें सभी प्रतियोगियों को अपनी कला का प्रदर्शन करना चाहिए. कंपनी के स्तर से सभी प्रतियोगियों को आवश्यक सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.
कंपनी के महाप्रबंधक (कल्याण व सीएसआर) रामदेव राव ने स्वागत करते हुये कहा कि आसनसोल राज्य का दूसरा बड़ा तथा देश में तेजी से विकास करता 17वां शहर है. यह औद्योगिक हब के रूप में स्थापित है तथा रानीगंज कोयलांचल देश के कोयला उद्योग का पहला क्षेत्र रहा है. यह विद्रोही कवि नजरूल की जन्मभूमि है. इस साहित्य समृद्ध धरा पर प्रतियोगियों की उपस्थिति उन्हें उत्साहित करती रहेगी.
इसके पूर्व ककंपनी के सीएमडी श्री सिन्हा, नजरूल संगीत रिसर्चर डॉ लीना तपसी खान, कार्मिक निदेशक श्री पात्र, तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) बीआर रेड्डी सहित विभिन्न अधिकारियों ने दीप प्रज्जवलित कर अनुष्ठान का औपचारिक उद्घाटन किया. कंपनी के मुख्य प्रबंधक (सिविल) एके लाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के महाप्रबंधक सहित कलल्याण बोर्ड के सदस्य माधव बनर्जी,, कॉरपोरेट जेसीसी सदस्य चंडी चटर्जी व जयनाथ चौबे आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.
निर्णायक मंडली के विशिष्ट जन शामिल
तीन दिनों तक चलनेवाली दर्जनों प्रतिस्पर्धा मेंशामिल प्रतियोगियों की प्रतिभा आकलन के लिए जो निर्णायक मंडली बनायी गयी है, उनमें विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट जनों को रखा गया है.
इनमें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की गायिका डॉ लीना तापसी खान, दूरदर्शन के कलाकार सोमनाथ बनजीज्र्ञ, रवींद्र संगीत में पारंगत दूरदर्शन कलाकार माला देवबर्मन, कत्थक कली, मणिपुरी सहित रवींद्र संगीत नाटिका में भाग लेनेवाली पाला चौधरी, जिले में श्रेष्ठ गिटार वादक तथा हारमोनी बैंड से जुड़े पार्थो सारथी डे, भारतीय व पाश्चात्य संगीत से जुड़े गौतम लाहा तथा तबला बादक व दूरदर्शन कलाकार प्रवीर घोष आदि शामिल हैं.
12 प्रतिस्पर्धा होगी अनुष्ठान में
आयोजकों के अनुसार प्रतियोगिता में 12 प्रतिस्पर्धा होगी. इनमें सुगम संगीत (सोलो) में भजन, रवींद्र संगीत, नजरूल गीति, गजल, लोक संगीत, लाइट सांग, गीत; शास्त्रीय संगीत में कत्थक, भारत नाटय़म, ओड़िसी, कुचीपुड़ी, मणिपुरी; rाोरोअस स्कीट; सितार; फ्लूट; वायलिन; इन्स्ट्रूमेंटल म्यूजिक में गिटार, क्लेरियोनेट, ट्रमपेट, सेक्सोफोन, माउथ ऑर्गन, बैंजो, एकोरडियन, साइनथेसाइजर; इंडियन फोल्क डांस; कव्वाली; ऑर्केस्ट्रा; इंडियन क्लासिकल सांग (सोलो) में ख्याल, घ्रुपद, धमोर, ठुमरी व कर्नाटका तथा तबला इवेंट शामिल हैं.

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