बंद के समर्थन में पोस्टर लगाने पर माकपा कार्यकर्ता की पिटाई

दुर्गापुर : गुरुवार को 24 घंटे की हड़ताल के समर्थन में पोस्टर चिपका रहे माकपा नेता अभिजीत चक्रवर्ती की हमलावरों ने जमकर पिटायी कर दी. माकपाइयों ने घायलावस्था में उन्हें विधाननगर महकमा अस्पताल में भरती कराया है. न्यूटाउनशिप थाने में हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. घायल अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि गुरुवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2015 1:27 AM
दुर्गापुर : गुरुवार को 24 घंटे की हड़ताल के समर्थन में पोस्टर चिपका रहे माकपा नेता अभिजीत चक्रवर्ती की हमलावरों ने जमकर पिटायी कर दी. माकपाइयों ने घायलावस्था में उन्हें विधाननगर महकमा अस्पताल में भरती कराया है. न्यूटाउनशिप थाने में हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
घायल अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि गुरुवार को 24 घंटे की हड़ताल के समर्थन में विधाननगर हाड़को मोड़ के पास वे पोस्टर लगा रहे थे. उसी समय तृणमूल समर्थक वहां पहुंच गये और पोस्टर फाड़ दिया तथा उनसे मारपीट करने लगे. क्षेत्र में पोस्टर न लगाने की धमकी दी. इधर खबर मिलते ही आसनसोल के पूर्व सांसद वंशगोपाल चौधरी, पंकज राय चौधरी, दुर्गापुर महकमा अस्पताल में घायल पार्टी कार्यकर्ता से मिलने पहुंचे. श्री चौधरी ने कहा कि देश का हर नागरिक हक के लिये आंदोलन करने को स्वतंत्र है.
इसमें कोई व्यक्ति या पार्टी बाधा नहीं दे सकती है. लेकिन राज्य में परिवर्तन के बाद सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले विरोधी दल के नेता, कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की जा रही है और उन्हें धमकियां दी जा रही हैं. चार वर्ष के तृणमूल शासनकाल में विकास की पहिया रुक गयी है. चिटफंड कंपनियों को बढ़ावा दिया गया है. शिलान्यास कर विकास के नाम पर छलावा किया जा रहा है.
चिटफंड कंपनियों की धनराशि से मंत्री, नेता मालामाल हो रहे हैं. राज्य में दुष्कर्म, हत्या, चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. महिला मुख्यमंत्री होने के बाद महिलाओं को सुरक्षा देने में सरकार विफल है. चुनाव पुलिस प्रशासन और बाहरी तत्वों की मदद से जीता जा रहा है. 91 नगर निकाय चुनाव में धांधली की गयी. हिंसा फैला कर मतदाताओं को वोट देने में बाधा दी गयी.
मारपीट करने का मामला तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के खिलाफ न्यूटाउनशिप थाने में दर्ज कराया गया है. तृणमूल कांग्रेस के नेता दीपंकर लाहा ने बताया कि झूठे नाटक करना माकपा की पुरानी आदत है. मारपीट, धमकी देने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है.
क्षेत्र के दुकानदारों को दुकान खोलने के लिये कहा जा रहा था. 34 वर्षो तक माकपा ने सिर्फ बंद की राजनीति की है. इस कारण विकास रुक गया. इस सरकार ने विकास कार्य को गति दी है. बावजूद इसके हड़ताल का आह्वान किया जा रहा है. हड़ताल से समाधान नहीं बल्कि करोड़ों का नुकसान होता है.

Next Article

Exit mobile version