आसनसोल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी विकास के नाम पर एक मंच पर होने से आसनसोल की जनता की अपेक्षाएं भी आसमां छू रही है. लोगों को लग रहा है कि रविवार के इस आयोजन से आसनसोल सहित बंगाल के विकास का मार्ग पूरी तरह से प्रशस्त हो सकता है.
प्रधानमंत्री श्री मोदी व मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी से अलग-अलग अपेक्षाएं हैं. श्री मोदी की मौजूदगी से पहली अपेक्षा है कि हिन्दुस्तान केबल्स लिमिटेड को बंदी के दायरे से बाहर निकाले. पोलो ग्राउंड में पिछले वर्ष इसी माह उन्होंने कहा था कि उनके प्रधानमंत्री बनने से राज्य के दोनों हाथों में लड्डू होगा. लेकिन सरकार गठन के बाद पहला तोहफा एचसीएल की बंदी के रूप में सामने आया है. स्थानीय सांसद सह राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो भी स्वीकार करते हैं कि इससे सरकार की छवि घूमिल होगी. वे इसे चालू करने के लिए पूरी ताकत लगाये हुए है. श्री मोदी को जनता को इसके बारे में अवस्त करना होगा.
– दामोदर पर पुल: इस्को के इस आधुनिक प्लांट के शिलान्यास के समय तत्कालीन इस्पात मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि प्लांट के उत्पादों को पुरुलिया व बांकु ड़ा के रास्ते दक्षिण भारत में भेजने के लिए दामोदर नदी पर पुल बनेगा. इसके लिए उन्होंने सेल के मद से 50 करोड़ रुपये का आवंटन कि या था. कनेक्टिंग सड़क राज्य सरकार को बनानी थी. इस पुल की घोषणा आसनसोल व आइएसपी दोनों के लिए लाभदायक होगी.
– बर्नपुर रेल लाइन का दोहरीकरण: आइएसपी के इस प्लांट के शिलान्यास समारोह में उत्पादों के रेल लाइन से परिवहन के लिए आसनसोल से दामोदर स्टेशन तक की रेल लाइन के दोहरीकरण की घोषणा की गयी थी. अगले रेल बजट में इसकी घोषणा भी हुई. लेकिन बजट आवंटित नहीं हुआ. इससे आम यात्राियों व माल ढ़ुलाई में भी सुविधा होगी.
– बर्न स्टैंडर्ड का विलय : बर्न स्टैंडर्ड की बर्नपुर यूनिट को रेल के तहत लाने की घोषणा तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी ने की थी. यूनियनों की मांग थी कि इसका विलय रेल में किया जाये. लेकिन इसे कैप्टिव प्लांट का ही दर्जा मिल सका. इसके कारण कार्यादेश के अभाव में यह यूनिट फिर से संकटग्रस्त होने लगा है. इसका विलय रेल में करने से कर्मियों व भारतीय रेल को लाभ होगा.
– दुर्गापुर में खुले इस्पात कारखाना: जापानी कंपनी कोवे स्टील ने दुर्गापुर में एएसपी की मदद से आधुनिक व विशेष इस्पात बनाने के लिए प्लांट बनाने के लिए पहल हुई थी. लेकिन बाद में यह प्रक्रिया गतिरूद्ध हो गयी. इस प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया को नये सिरे से शुरू की जानी चाहिए. प्रधानमंत्री स्वयं जापान की यात्रा कर चुके हैं.
– एचएफसीएल फिर से खुले : अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने आर्थिक रूग्णता के नाम पर यूरिया उत्पादक व दुर्गापुर स्थित एचएफसीएल सहित आठ उवर्रक कारखानों को बंद कर दिया था. लेकिन इसके बाद यूरिया का संकट बढ़ने लगा है. आयात की मात्र लगातार बढ़ रही है. इस कारखाने को नये सिरे से खोलना दुर्गापुर व देश हित में होगा.
त्न एमएएमसी पर चुप्पी टूटे : कोलकाता हाइ कोर्ट के निर्देश पर एमएएमसी को नये सिरे से चलाने का दायित्व सेल, रेल व डीवीसी ने लिया था. तीनों सरकारी कंपनियों ने इस दिशा में शुरूआती सकारात्मक पहल की. लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. परिणास्वरूप यह कारखाना अपना अस्तित्व समाप्त होते देख रहा है. इस दिशा में पहल होनी चाहिए.
– मनरेगा मद में मिले राशि : मनरेगा योजना शुरू होने से पहले कोयलांचल के अधिक से अधिक ग्रामीण कोयले के अवैध खनन से जुड़े थे. शुरूआती दौर में सालानपुर जैसे प्रखंड़ों में इसके लिए श्रमिक नहीं मिल रहे थे. लेकिन बाद में स्थिति बदली. ग्रामीण इससे जुड़े और परिस्थिति बदली. सालानपुर प्रखंड ने शानदार प्रदर्शन किया. लेकिन मनरेगा मद की राशि में कटौती होने से परिस्थिति पूर्ववत होने लगी है. मनरेगा की राशि बढ़ने से नयी कार्य संस्कृति विकसित होगी.
– कोयला श्रमिकों को मिले पेयजल : प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वास्थ्य व सफाई के लिए काफी चिंतित रहते हैं. बिडम्बना है कि पूरे देश को ऊर्जा से रोशनी देनेवाले कोयला श्रमिकों को इस समय भी पेयजल नहीं मिलता है. प्रदूषित व रॉ वाटर का उपयोग होने से वे असमय बीमार होते हैं. केंद्र सरकार उन्हें पेयजल उपलब्ध कराने की पहल करें. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आसनसोल दौरा कई बार हो चुका है. लेकिन कई ऐसी आकांक्षाएं हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए लंबे समय से मांग होती रही है. इन अपेक्षाओं को विभिन्न माध्यमों से रखा जाता रहा है.
– आसनसोल बने जिला : मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी ने आसनसोल को जिला बनाने की घोषणा दो साल पहले ही की थी. इसके तहत पुलिस कमीश्नरेट, जिला अस्पताल, यूनिवर्सिटी आदि की स्थापना की गयी. लेकिन विभिन्न आयोगों की सिफारिश के बाद भी आसनसोल को जिला का दर्जा नहीं मिल सका. यदि मुख्यमंत्री इसी आधिकारिक घोषणा करती हैं तो प्रधानमंत्री श्री मोदी की मौजूदगी के कारण केंद्र से भी आवश्यक सुविधा मिल सकती है.
त्न एचएस में मिले हिंदी में प्रश्नपत्र: मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी आसनसोल में हिंदी माध्यम कॉलेज का उद्घाटन तथा उसके भवन का शिलान्यास भी कर रही है. लेकिन राज्य के हिंदी माध्यम के लाखों छात्रों को उच्च माध्यमिक में हिंदी में प्रश्नपत्र नहीं मिलते हैं. इससे उनका कैरियर सीधे प्रभावित होता है.
त्न बंद खदानों को शीघ्र करें चालू: पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट एंड कॉरपोरेशन लिमिटेड तथा दुर्गापुर पावर लिमिटेड की चार कोयला खदानें पिछले एक अप्रैल से बंद है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 214 कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया गया था. लेकिन इनका आवंटन रद्द नहीं हुआ. लेकिन नये एमओडी की तलाश में एक अप्रैल से इनसे खनन बंद है.