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बीरभूम में 50 फीट की तैयार हो रही मां काली की प्रतिमा, लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी

पश्चिम बंगाल में कालीपूजा को लेकर तैयारियां शुरु हो गई है. बीरभूम जिले में विशाल काली प्रतिमा के निर्माण को लेकर चर्चा जोरों पर है.इस बार काली पूजा में काली प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 50 फीट होगी. ऐसा माना जा रहा है कि यह काली प्रतिमा लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगी.

पश्चिम बंगाल में कालीपूजा (Kali puja ) को लेकर तैयारियां शुरु हो गई है. बीरभूम जिले में विशाल काली प्रतिमा के निर्माण को लेकर चर्चा जोरों पर है. बीरभूम जिले के पुरंदरपुर की बांधव समिति जिले में सबसे बड़ी काली मूर्ति बनाने के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन पिछले दो साल में कोरोना संक्रमण के चलते बड़ी-बड़ी मूर्तियों का निर्माण बंद हो गया था. लेकिन इस बार काली पूजा में काली प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 50 फीट होगी. ऐसा माना जा रहा है कि यह काली प्रतिमा लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगी.

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कालीपूजा के दौरान मेले व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी होगा आयोजन

कालीपूजा के दौरान मेले व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा. सिउड़ी से बोलपुर जाने वाली सड़क पर हर साल पुरंदरपुर की इस काली पूजा को लेकर जिले के लोगों का उत्साह देखते ही बनता है. मूर्ति पूजा के साथ ही सात दिनों तक खुले मैदान में मेले का भी आयोजन किया गया है. इस वर्ष भी यहां काली पूजा में पहले की तरह सभी इंतजाम किए जाएंगे.पूजा आयोजकों का दावा है कि यहां 1940 से पूजा का आयोजन किया जाता रहा है. प्रारंभ में उन्होंने छोटी मूर्तियों के साथ काली की पूजा की.उसके बाद वे पिछले 35 सालों से बड़ी काली की पूजा कर रहे हैं.

प्रतिमा के साथ ही पंडाल को भी खुबसूरती से सजाया जा रहा है 

प्रतिमा के साथ ही पंडाल को भी बेहद खुबसूरती से सजाया जा रहा है. इस साल पूजा का बजट लगभग 6 लाख रुपये है. ढांचे को नए लोहे के फ्रेम से बनाया जा रहा है.इतनी बड़ी मूर्ति को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्सुकता है. इस विशालकाय मूर्ति को बनाने के लिए कितनी सामग्री की आवश्यकता है ? कुम्हार ने बताया कि इस मूर्ति को बनाने के लिए 60 बांस, साढ़े तीन सौ बंडल पुआल, पांच ट्रैक्टर मिट्टी, 35 से 40 किलो बाबुई रस्सी और 15 किलो सुतली की जरूरत होगी .मूर्ति को बनाने में कुल तीन कलाकार और चार सहायक कलाकार लगे हुए हैं. महा सप्तमी के दिन से ही इस मूर्ति को बनाने का काम शुरू हो गया है.उम्मीद है कि पूजा से दो दिन पहले मूर्ति तैयार हो जाएगी.

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रिपोर्ट : मुकेश तिवारी

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