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अधिकारियों की प्रोन्नति के लिए वरीयता की अनिवार्यता होगी समाप्त आसनसोल : कोल ब्लॉकों के आवंटन में निजी कोयला कंपनियों को वाणिज्यिक उत्पादन करने तथा खुले बाजार में बेचने की शर्त्त लागू होने के बाद कोल इंडिया लिमिटेड को भी निजी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा में टिकाने के लिए पहल शुरू हो गयी है. सीआइएल के […]

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अधिकारियों की प्रोन्नति के लिए वरीयता की अनिवार्यता होगी समाप्त
आसनसोल : कोल ब्लॉकों के आवंटन में निजी कोयला कंपनियों को वाणिज्यिक उत्पादन करने तथा खुले बाजार में बेचने की शर्त्त लागू होने के बाद कोल इंडिया लिमिटेड को भी निजी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा में टिकाने के लिए पहल शुरू हो गयी है.
सीआइएल के अधिकारियों की प्रोन्नति के लिए अब तक की तय पात्रता वरीयता को बदला जा रहा है तथा प्रमोशन को परफॉर्मेस से जोड़ा जा रहा है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार विभिन्न स्तर के अधिकारियों की प्रोन्नति के लिए चार कमेटियां गठित की जायेंगी.
उन्होंने कहा कि भले ही कोयला ब्लॉक लेनेवाली निजी कंपनियों को वाणिज्यिक उत्पादन नहीं करने को कहा गया है. लेकिन ब्लॉक की नीलामी के समय यह अनिवार्य शर्त्त के रूप में शामिल है. कोयला उत्पादन करनेवाली कंपनियां शीघ्र ही इसकी मांग करने लगेंगी.
अब तक देश के बाजार पर सरकारी कंपनी कोल इंडिया का इकलौता वर्चस्व रहा है. लेकिन शीघ्र ही इसे निजी कंपनियों से चुनौती मिलने लगेगी. माना जा रहा है कि निजी कंपनियां सीआइएल व इसकगी अंगीभूत कंपनियों के अधिकारियों को मोटी राशि का वेतन व आकर्षक सुविधा पैकेज देकर अपने साथ कर सकती है.
इससे सीआइएल को दक्ष व अनुभवी अधिकारियों की कमी हो सकती है. इसके लिए प्रबंधन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. क्रमिक रूप से अधिकारियों की नियुक्ति बड़ी संख्या में की जा रही है. ताकि इवभिन्न स्तरों पर अधिकारियों की कमी न हो. इसी प्रक्रिया में प्रोन्नति को भी मुद्दा बनाया गया है.
आमतौर पर सीआइएल में वरीयता के आधार पर प्रोन्नति होती है. जबकि निजी कंपनियों में प्रदर्शन के आधार पर प्रोन्नति होती है. सीआइएल में भी परफॉर्मेस मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की योजना है. इसमें प्रदर्शन व वरीयता को प्रोन्नति का आधार बनाने पर जोर दिया जायेगा.
इसके तहत बेहतर प्रदर्शन करनेवाले अधिकारियों की शिनाख्त की जायेगी तथा प्रदर्शन के आधार पर उन्हें प्रोन्नति देकर उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा. पहली व दूसरी कमेटी आठ व नौ लेबेल के अधिकारियों की प्रोन्नति का फैसला करेगी. इस कमेटी में सीआइएल के कार्मिक निदेशक, किसी अंगीभूत कंपनी के सीएमडी, औद्योगिक संबंधों से जुड़े निदेशक तथा दो स्वतंत्र निदेशक शामिल होंगे. तीसरी कमेटी इ-सिक्स व इ-सेवेन स्न के अधिकारियों की प्रोन्नति के मामले निष्पादित करेगी. इसमें मानव संसाधन विकास विभाग के निदेशक, अंगीभूत कोयला कंपनियों के दो निदेशक शामिल होंगे.
चौथी कमेटी इ-वन से लेकर मध्यस्तरीय इ-सिक्स स्तर के अधिकारियों की प्रोन्नति का मामला देखेगी. इसमें सीआइएल के निदेशक, अंगीभूत कोयला कंपनियों के दो तकनीकी निदेशक, वरीय स्तर से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति के एक-एक अधिकारी तथा वरीय अधिकारी शामिल रहेंगे. अधिकारियों की प्रोन्नति के निर्धारण के लिए कट तिथि 31 मार्च होगी. एक अप्रैल को कमेटी इन प्रोन्नति का निर्णय कर इसे प्रभावी करेगी.
सूत्रों ने बताया कि इस बात का भी आकलन किया जायेगा कि जिस पद पर अधिकारी ने बेहतर प्रदर्शन किया है, उसमें लीडरशीप स्पिरिट कितनी है तथा उसे जो नया दायित्व दिया जायेगा, उसके निष्पादन में वह किस हद तक श्रेष्ठ प्रदर्शन कर पायेगा.

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