महिलाओं ने दिया धरना, प्रदर्शन

सुपर स्मेलटर्स कारखाने में श्रमिकों के स्थायीकरण की मांग जामुड़िया : इकड़ा उद्यौगिक नगरी स्थित सुपर स्मेलटर्स लिमिटेड कारखाना में निकाले गये श्रमिक को पुन: काम पर रखने तथा चार श्रमिकों को स्थायी करने की मांग पर बुधवार को दामोदरपुर निवासी सुमित्री देवी नोनिया के नेतृत्व में श्रमिकों ने कारखाना गेट पर चार घंटे तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2015 7:52 AM
सुपर स्मेलटर्स कारखाने में श्रमिकों के स्थायीकरण की मांग
जामुड़िया : इकड़ा उद्यौगिक नगरी स्थित सुपर स्मेलटर्स लिमिटेड कारखाना में निकाले गये श्रमिक को पुन: काम पर रखने तथा चार श्रमिकों को स्थायी करने की मांग पर बुधवार को दामोदरपुर निवासी सुमित्री देवी नोनिया के नेतृत्व में श्रमिकों ने कारखाना गेट पर चार घंटे तक प्रदर्शन कर ट्रांसपोर्टिंग ठप कर दी.
सुमित्र देवी ने बताया कि सात वर्ष पूर्व कारखाना प्रबंधन ने मंडलपुर मौजा में चार जमीन मालिकों से ग्यारह बीघा जमीन ली. कंपनी ने प्रत्येक घर के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया. नौकरी तो मिली लेकिन सात वर्षो बाद भी उन्हें स्थायी नहीं किया गया है.
ये सभी पीएफ, ग्रेच्युटी समेत विभिन्न सुविधाओं से वंचित हैं. दो महीने पूर्व इनमें से एक रामवरण नोनिया को नौकरी से निकाल दिया गया. इस विषय में बात करने पर प्रबंधन ने बेरुखी दिखायी. प्रबंधन के रवैये के कारण ही बुधवार को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा. प्रदर्शन के दौरान गीता देवी, श्रवणी मंडल, गीता राय चौधरी समेत सैकड़ों महिलाओं ने कारखाना के गेट पर धरना दिया.
बाद में करीब चार घंटे बाद कारखानाप्रबंधन ने जमीन मालिकों के साथ बैठक की. प्रबंधन ने दस दिनों के अंदर पुन: बैठक कर मसले को सुलझाने का आश्वासन दिया है. सुमित्र देवी ने बताया कि चारों को स्थायी नहीं करने पर आमरण अनशन किया जायेगा.
काम पर लौटे कर्मचारी, वापस ली हड़ताल
जामुड़िया : वेतन वृद्धि की मांग को लेकर मंडलपुर के चार सीमेंट कारखानों में 24 जून से जारी हड़ताल कर्मचारियों ने डीएलसी के आश्वासन के बाद वापस ले ली. बुधवार से सीटू समर्थित आंदोलनरत सभी 100 कर्मचारी काम पर लौट आये हैं.
डीएलसी आसनसोल कार्यालय में सीटू नेता मनोज दत्त, तापस कवि, सुंदर जोशी एवं कारखाना कर्मचारियों के बीच बैठक हुयी. डीएलसी ने सर्वप्रथम कर्मचारियों को काम पर लौटने की अपील की.
अधिकारियों ने दो माह के अंदर बैठक कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया. उल्लेखनीय है कि कारखाना में काम करने वाले सीटू समर्थित 100 कर्मचारियों ने 170 की जगह 226 रुपये प्रतिदिन मेहनताना की मांग पर हड़ताल की थी.

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