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सत्ताशीन तृणमूल के पक्ष में सक्रिय प्रशासन

आसनसोल. विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कहा कि चुनाव के प्रारंभ से ही सत्ताशीन तृणमूल के प्रति प्रशासन का पक्षपात दिखने लगा है. इस स्थिति में निष्पक्ष चुनाव व मतदान की संभावना कम होने लगी है. माकपा नेता प्रदीप मंडल ने कहा कि प्रशासन ने रात के अंधेरे में सतारूढ़ दल के साथ सांठ-गांठ कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2015 7:25 AM

आसनसोल. विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कहा कि चुनाव के प्रारंभ से ही सत्ताशीन तृणमूल के प्रति प्रशासन का पक्षपात दिखने लगा है. इस स्थिति में निष्पक्ष चुनाव व मतदान की संभावना कम होने लगी है. माकपा नेता प्रदीप मंडल ने कहा कि प्रशासन ने रात के अंधेरे में सतारूढ़ दल के साथ सांठ-गांठ कर वार्डो के पुनर्गठन के साथ आरक्षण की सूची तैयार की है.

वार्डो के पुनर्गठन के ड्राफ्ट में कई भूलों को सुधारने की सिफारिश की गयी थी लेकिन प्रशासन ने सत्तारूढ़ दल को चुनाव जीतने के लिये कुछ वार्डो में काफी फेरबदल कर अंतिम सूची जारी कर दी. जबकि आरक्षण के ड्राफ्ट में भी इसी तरह की प्रक्रिया की गयी है. जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जायेगा. कांग्रेस नेता रवि उल इस्लाम ने बताया कि आसनसोल नगर निगम में कुल्टी, रानीगंज तथा जामुड़िया नगर पालिका का विलय कर तृणमूल की सुविधानुसार वार्डो का गठन किया गया. जिससे तृणमूल आसानी से चुनाव जीत सके. अपनी हार को देखते हुए तृणमूल प्रशासन के साथ सांठ-गांठ कर चुनाव जीतने के लिये नियमों को ताक पर रखकर आसनसोल नगर निगम पर कब्जा करना चाहता है.

जिसके विरोध में लगातार आंदोलन किया जायेगा. भाजपा नेता तापस राय ने बताया कि आसनसोल नगर निगम में एक वर्ष तक चुनाव नहीं कराकर सत्तारूढ़ तृणमूल ने अपने चुने हुए प्रशासक को वहां बैठाया. जिससे आसनसोल नगर निगम में विकास कार्य पूरी तरह से ठप है. तृणमूल के मनमाने रवैये तथा आतंक से जनता पूरी तरह से त्रस्त है. अपनी हार को तय देखकर तृणमूल कांग्रेस गठतंत्र का गला घोंटकर सिर्फ सत्ता हासिल करना चाहती है.

वार्डो के पुर्नगठन से लेकर आरक्षण प्रक्रिया का कार्य किया जा रहा है. जिसे अस्वीकार करते हुए गणतांत्रिक तरीके से आंदोलन किया जायेगा. तृणमूल के प्रबोध राय ने कहा कि आसनसोल नगर निगम के चुनाव तथा पुर्नगठन पर आरक्षण की प्रक्रिया नियमानुसार कि जा रहा है. इस विरोध तथा शिकायत करने के लिये विरोधी दलों को प्र्याप्त समय भी दिया जा रहा है. विपक्षी दल अपनी हार को देखते हुए बेवजह हंगामा कर रहे हैं. जिसका कोई औचित्य नहीं है.

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