शिक्षक नेता मनोज यादव को मिला चुनावी दायित्व
आसनसोल : आसनसोल नगर निगम चुनाव को गंभीरता से लेते हुए तृणमूल कांग्रेस ने निलंबित शिक्षक नेता मनोज यादव को चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. पार्टी के आसनसोल शिल्पांचल जिलाध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू ने कहा कि चुनाव प्रचार व मतदान के दिन उनकी […]
आसनसोल : आसनसोल नगर निगम चुनाव को गंभीरता से लेते हुए तृणमूल कांग्रेस ने निलंबित शिक्षक नेता मनोज यादव को चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. पार्टी के आसनसोल शिल्पांचल जिलाध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू ने कहा कि चुनाव प्रचार व मतदान के दिन उनकी गतिविधियों की समीक्षा करने के बाद उनके निलंबन पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
जिलाध्यक्ष श्री दासू ने कहा कि उनके विरोध में पार्टी के कर्मियों ने शिकायत की थी तथा उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे. पार्टी नेतृत्व ने इसे गंभीरता से लेते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित करने का निर्णय लिया था.
इसकी आधिकारिक घोषणा उन्होंने क्षेत्र के वरिष्ठ पार्टी नेता व राज्य सरकार में श्रम मंत्री मलय घटक की मौजूदगी में की थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद शिक्षक नेता श्री यादव ने पार्टी के वरीय नेताओं से मिल कर अपना पक्ष रखा था.
इसके बाद श्री यादव की पार्टी गतिविधियों के प्रति पूर्व प्रतिबद्धता तथा शिक्षा क्षेत्र में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें चुनाव के दौरान मौका देने का निर्णय लिया गया है. तय हुआ है कि उन्हें चुनाव प्रचार व मतदान के दिन पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में अपनी सक्रियता दिखानी होगी. इसके बाद ही उनके निलंबन के निर्णय की समीक्षा चुनाव बाद की जायेगी.
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उन्हें उनके निलंबन का कोई पत्र जारी नहीं किया गया है. सनद रहे कि पार्टी ने शिक्षक नेता श्री यादव सहित पार्टी के छह नेताओं को पार्टी से निलंबित करने की घोषणा श्रम मंत्री श्री घटक व पार्टी जिलाध्यक्ष श्री दासू ने की थी.
इनमें से पांच नेताओं ने पार्टी नेतृत्व से चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी. पार्टी नेतृत्व ने उन्हें या उनकी पत्नी को प्रत्याशी बनाने से इंकार कर दिया था. इसके बाद इन पांचों ने पार्टी नेतृत्व के निर्देशों का उल्लंघन कर निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दिया था. पार्टी के निर्देश के बाद भी उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया था.
पार्टी ने उन्हें निलंबित करने का निर्णय लिया. हालांकि श्री यादव ने या उनके किसी रिश्तेदार ने विक्षुब्ध प्रत्याशी के रूप में चुनाव नहीं लड़ा. श्री यादव पर आरोप लगा था कि वे पार्टी के अधिकृत प्रार्थियों के पक्ष में प्रचार नहीं कर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल है.
पार्टी व शिक्षक संगठन की गतिविधियों में उनकी प्रतिबद्धता व सक्रियता को देखते हुए विभिन्न स्तरों से पार्टी नेतृत्व से इस निर्णय पर विचार करने का आग्रह किया गया था. स्वयं श्री यादव ने वरीय नेताओं से मुलाकात कर स्वयं को पार्टी के प्रति समर्पित बताया था. पार्टी नेतृत्व के इस निर्णय का विभिन्न स्तरों पर स्वागत किया गया है.