विकलांग बेटी के हत्यारे को आजीवन कारावास

आसनसोल : अपनी तीन वर्षीया विकलांग बेटी को गला दबा कर हत्या करने के मामले में दोषी घोषित शकीबुल शेख को बुधवार को आसनसोल न्यायालय के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (प्रथम) मुकुल कुमार कुंडू ने खचाखच भरी अदालत में मामले में तमाम बिंदूओं पर विचार करते हुए आजीवन सश्रम कारावास तथा 50 हजार रुपये के आर्थिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2015 7:42 AM
आसनसोल : अपनी तीन वर्षीया विकलांग बेटी को गला दबा कर हत्या करने के मामले में दोषी घोषित शकीबुल शेख को बुधवार को आसनसोल न्यायालय के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (प्रथम) मुकुल कुमार कुंडू ने खचाखच भरी अदालत में मामले में तमाम बिंदूओं पर विचार करते हुए आजीवन सश्रम कारावास तथा 50 हजार रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनायी.
रकम अदा न करने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा का प्रावधान रखा. शकीबुल पिछले तीन वर्षो से न्यायिक हिरासत में है. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 13 गवाहों को कोर्ट के समक्ष पेश किया. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता स्वराज चटर्जी उर्फ बच्चू बाबू थे.
क्या है पूरा मामला
मुर्शिदाबाद के पन्नानगर निवासी शकीबुल शेख अपनी पहली पत्नी बेबी खातून और उसकी तीन वर्षीया विकलांग बेटी पिंकी शेख सहित रानीगंज के बल्लभपुर स्थित छविलाल यादव के घर में किराये में मकान में सितंबर, 2012 से रह रहा था. उसकी दूसरी पत्नी भी है. बीते 21 अक्तूबर, 2012 को संध्या उसकी बेटी पिंकी अपनी मां बेबी के गोद में रो रही थी. उसी दौरान शकीबुल ने अपनी विकलांग बेटी पिंकी को बाहर घुमाने के बहाने लेकर गया और बाद में उसकी गला दबा कर हत्या कर दी. इस दौरान उसकी नाक से खून बहने लगा.
इस अवस्था में वह पिंकी को उसकी मां को गोद में देकर वह फरार हो गया. बच्ची को बल्लभपुर चिकित्सा केंद्र में ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आसनसोल जिला अस्पताल में उसके शव का अंत्यपरीक्षण किया गया. पिंकी की गला दबा कर मौत की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में की गयी.
शकीबूल शेख की पत्नी बेबी खातून ने अपनी बेटी की हत्या करने की प्राथमिकी अपने पति के खिलाफ रानीगंज थाना में दर्ज करायी थी. मामले में रानीगंज थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फरार अवस्था में आरोपी को आसनसोल उत्तर थाना क्षेत्र के रघुनाथ बाटी ग्राम से गिरफ्तार कर उसे आसनसोल महकमा कोर्ट में पेश किया.
मामले में उसके विरुद्ध रानीगंज थाना पुलिस द्वारा उसके खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में सुपुर्द कर दिया. पुलिस ने कस्टडी ट्रायल की अपील कोर्ट से की. आरोपी तीन साल तक न्यायिक हिरासत में आसनसोल जेल में था. उसे बीते मंगलवार को न्यायाधीश श्री कुंडू ने हत्या को दोषी करार दिया. बुधवार को उसे आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपया की जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना की राशि न देने पर दो वर्ष अतिरिक्त सजा सुनायी.
सजा सुनाने से पहले न्यायाधीश श्री कुंडू ने शकीबुल से सजा के संबंध में कुछ कहने को कहा. शकीबुल ने कम से कम सजा देने की गुहार लगायी. उसने कहा कि उसकी दो पत्नी हैं. अब अपने अपने मायके में रहती है. उनसे उनकी अब कोई संबंध नहीं है और उसके परिवार में केवल उसके पिता जीवित है. उनकी देखरेख करनेवाला कोई नहीं है.

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