रसोई घर में होती है बच्चों की पढ़ाई

बर्नपुर : सूर्यनगर अवस्थित ढ़ाकेश्वरी जूनियर वेसिक स्कूल क ी जर्जर अवस्था से स्कूल के बच्चों को काफी परेशानी हो रही है. स्कूल के तीन शिक्षकों में प्रधानाध्यापक सुधांशु भट्टाचार्या, नारायण चटर्जी तथा सुरजीत नायक शामिल हैं. प्रधानाध्यापक श्री भट्टाचार्या ने बताया कि स्कूल में उनका तबादला वर्ष 2007 में किया गया. इन आठ वर्षो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 1:05 AM
बर्नपुर : सूर्यनगर अवस्थित ढ़ाकेश्वरी जूनियर वेसिक स्कूल क ी जर्जर अवस्था से स्कूल के बच्चों को काफी परेशानी हो रही है. स्कूल के तीन शिक्षकों में प्रधानाध्यापक सुधांशु भट्टाचार्या, नारायण चटर्जी तथा सुरजीत नायक शामिल हैं.
प्रधानाध्यापक श्री भट्टाचार्या ने बताया कि स्कूल में उनका तबादला वर्ष 2007 में किया गया. इन आठ वर्षो में सर्व शिक्षा अभियान के तहत रसोई घर व शौचालय का निर्माण किया गया है. कक्षाओं की अवस्था जर्जर हो गयी है.
छत का प्लास्टर टूट कर झड़ गया है तथा छड़ बाहर निकल आयी हैं. छत कभी भी घंस सकती हैं. चारदीवारी नहीं होने के कारण वर्षा के दौरान झाड़ियों से सांप निकलते रहते है. इससे बच्चों के जीवन को खतरा बना रहता है. कक्षा को असुरक्षित देख रसोई घर को क्लास रूम बनाना पड़ा है. बच्चो को प्रतिदिन मिड डे मील उपलब्ध होता है.
सीएसआर योजना के तहत बेंच मिला है. स्कूल में ढ़ाकेश्वरी ग्राम के बच्चे पढ़ते है. बंगला माध्यम का इस क्षेत्र का एकलौता स्कूल होने के कारण ग्राम के अनेकों बच्चो को इससे लाभ हो सकता है. लेकिन स्कूल की दशा देखकर ग्रामीण बच्चों को इसमें पढ़ाना नहीं चाहते हैं. 51 बच्चे यहां अध्ययनरत हैं. पहले इनकी संख्या काफी ज्यादा थी. स्कूल भवन के पुनरोद्धार व चारदीवारी निर्माण के लिए सर्व शिक्षा अभियान से कोष की मांग की गयी थी.
तत्कालीन स्कूल इंस्पेक्टर अजय पाल और नूर अली को सूचित किया गया था. वर्त्तमान स्कूल इंस्पेक्टर संगीता दास को भी सूचित किया गया है. सुश्री दास ने कहा कि विभाग के पास फंड की कमी है. तब पर्याप्त फंड होगा तो दिया जायेगा.

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