निवेशकों ने मांगा अधिक इनसेंटिव
मंथन : आसनसोल-दुर्गापुर औद्योगिक इलाके में निवेश बढ़ाने पर हुई चर्चा बंगाल में 75 तो झारखंड में मिलती है तीन सौ प्रतिशत आसनसोल. आसनसोल -दुर्गापुर औद्योगिक इलाके में उद्योगों के विकास तथा व्यवसायियों को हो रही समस्या के समाधान के मुद्दे पर गुरुवार को कथा हॉल में जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन की अध्यक्षता में विभिन्न […]
मंथन : आसनसोल-दुर्गापुर औद्योगिक इलाके में निवेश बढ़ाने पर हुई चर्चा
बंगाल में 75 तो झारखंड में मिलती है तीन सौ प्रतिशत
आसनसोल. आसनसोल -दुर्गापुर औद्योगिक इलाके में उद्योगों के विकास तथा व्यवसायियों को हो रही समस्या के समाधान के मुद्दे पर गुरुवार को कथा हॉल में जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन की अध्यक्षता में विभिन्न व्यवसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुयी.
बैठक में जिलाशासक डॉ मोहन, अतिरिक्त जिलाशासक सह अड्डा के सीइओ सुमित गुप्ता, पुलिस कमिश्नर सिद्धनाथ गुप्ता, महकमा शासक अमिताभ दास, मेयर जितेंद्र तिवारी, विद्युत, प्रदूषण व प्रशासनिक अधिकारी, व्यवसायिक संगठनों में फॉस्बेक्की के अध्यक्ष सुभाष अग्रवाल, आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुब्रत दत्त, रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आरपी खेतान, वेस्ट बंगाल सिमेंट मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन गुटगुटिया, रिफैक्टरी एसोसिएशन के अशोक चक्रवर्ती, एनपी व्यानी आदि उपस्थित थे.
बैठक के दौरान व्यवसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उद्योगों के विकास के लिये जिला प्रशासन के स्तर से हो रहे प्रयास की सराहना की. उन्होंने कहा कि व्यवसायियों को सुविधा देने के लिये इ-गर्वनेंस को बढ़ावा देने व हर माह व्यवसायियों के साथ बैठक कर उनकी समस्या के समाधान की पहल प्रशंसनीय है.
उन्होंने जिले के औद्योगिक विकास के लिए व्यवसायियों के लिये राज्य सरकार से मिल रही सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की. फॉस्बेक्की के अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने कहा कि सीमावर्त्ती इलाका होने के कारण इस इलाके में निवेश को बढ़ावा देने के लिए व्यवसायियों को प्रोत्साहित करने के क्रम में राज्य सरकार को बिहार तथा झारखंड की तुलना में अधिक सुविधा देनी होगी. रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री खेतान ने जिले में उद्योगों को विकसित करने के लिये कन्यापुर तथा रानीगंज औद्योगिक क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को ठीक करने के साथ-साथ वहां विद्युत, पानी तथा सड़क की व्यवस्था और मजबूत करने का आग्रह किया. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उद्योगपतियों को दिये जा रहे 75 प्रतिशत इंसेन्टिव को बढ़ाने का सुझाव दिया. उन्होंने बताया कि बिहार-झारखंड में उद्योगपतियों को तीन सौ प्रतिशत का इंसेन्टिव दिया जाता है.
हर जिले में नया उद्योग स्थापित करने वाले उद्योगपतियों को प्रोत्साहित करने तथा हर जिले में लगाये गये उद्योगों की जानकारी तथा उनके लाभ के लिये जिले की विशेषता की जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की. जिससे भविष्य में उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों तथा कंपनियों को लाभ मिले. आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री दत्ता ने कहा कि आसनसोल महकमा अंतर्गत कई महत्वपूर्ण सड़कों की मरम्मत व औद्योगिक क्षेत्रों में व्याप्त समस्या का शीघ्र समाधान करने की जरूरत हैं. वेस्ट बंगाल सिमेंट मैन्यूफैक्चरिंग के श्री गुटगुटिया ने राज्य में स्थापित सिमेंट फैक्ट्रीयों का ऑनलाइन स्टेट मॉनिटरिंग किये जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य में कई ब्रांडेड सिमेंट फैक्ट्रियां है, जो ऑनलाइन स्टेट मॉनिटरिंग के अंतर्गत नहीं आती है.
जबकि इंटीग्रेटेड सिमेंट फैक्ट्रियों का ही मॉनिटरिंग किया जाना चाहिये. उन्होंने सतैसा से चंद्रचूड़ मंदिर होकर एनएच दो को जोड़ने वाली सड़क की मरम्मत की मांग की. जिलाशासक डॉ मोहन ने व्यवसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों की समस्या तथा सुझावों को सुनकर हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार उद्योगों के विकास तथा नये उद्योगों को स्थापित किये जाने को लेकर काफी गंभीर है. व्यवसायियों को हो रही समस्या का समाधान करने के लिये संबंधित विभाग के अधिकारियों को तुरंत इसका समाधान करने का निर्देश दिया जाता है. जबकि बर्दवान जिले में उद्योगों को विकसित करने के लिये कई ठोस कदम उठाये जा रहे हैं.