सहायता न मिली तो जीवन भर दृष्टिहीन रहेगी शिवली

आसनसोल : बर्नपुर स्थित रामबांध निवासी सुदीप पात्र अर्थाभाव में अपनी तीन वर्षीया पुत्री शिवली की आंखों में रोशनी लाने में विफल साबित हो रहे हैं. उनकी इस विवशता के कारण शिवली जीवन में कभी भी इस दुनिया की रंगीनियां नहीं देख पायेगी. चिकित्सकों के अनुसार यदि उसकी आंखों का ऑपरेशन किया जाये तो उसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2016 7:38 AM
आसनसोल : बर्नपुर स्थित रामबांध निवासी सुदीप पात्र अर्थाभाव में अपनी तीन वर्षीया पुत्री शिवली की आंखों में रोशनी लाने में विफल साबित हो रहे हैं. उनकी इस विवशता के कारण शिवली जीवन में कभी भी इस दुनिया की रंगीनियां नहीं देख पायेगी. चिकित्सकों के अनुसार यदि उसकी आंखों का ऑपरेशन किया जाये तो उसके जीवन में खुशियों की बगिया महक सकती है तथा वह इस रंग विरंगी दुनिया में आनंदपूर्वक जी सकती है.
सुदीप ने बताया कि शिवली जन्म लेने के बाद सामान्य थी. लेकिन एक साल के बाद उसके आंखों की रोशनी चली गयी. एक वर्ष के पश्चात वह देख नहीं पाती है. वह निजी संस्था में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हैं. रामबांध में उनका परिवार किराये के मकान में रहता है.
आमदनी कम होने के कारण काफी मुश्किल से घर का खर्च चल पाता है. शिवली का दस वर्षीय पुत्र भाई तथा छह वर्षीया बहन भी है. शिवली के इलाज के लिये उन्होंने कई चिकित्सकों से संपर्क किया. चिकित्सकों ने इलाज में अधिक राशि खर्च होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वे यह इलाज खर्च उठा पाने में असमर्थ है. दूसरी तरफ अपनी बच्ची को दृष्टिहीन बनाये रखने की विवशता भी उन्हें खायी जाती है. कुछ लोगों से मिली आर्थिक सहायता से उन्होंने शिवली का एमआरआइ स्कैन कराया.
रिपोर्ट में चोट लगने के कारण आंख की रोशनी चले जाने की बात सामने आयी. चिकित्सकों ने रिपोर्ट देखने के बाद वेल्लोर जाकर ऑपरेशन कराने की सलाह दी. इसमें दो लाख रुपये का खर्च आयेगा. अपनी पुत्री के इलाज के लिये वे किसी के भी पास जाकर गुहार लगाने का मजबूर हैं. उनका मोबाइल नंबर – 7074697058 तथा बैंक ऑफ इंडिया में खाता संख्या 085801016053 है.

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