सुगम पार्क निवासियों ने शुरू किया धरना
आसनसोल : वार्ड संख्या 21 अंतर्गत सुगम पार्क फ्लैट्स के निवासियों ने सुगम पार्क रेसिडेंट्स फोरम के बैनर तले गुरूवार से विभिन्न मांगों के समर्थन में बेमियादी धरना व प्रदर्शन आरंभ किया. फोरम के अध्यक्ष प्रदीप चौधरी व सचिव पीसी पान ने बताया कि सुगम पार्क प्रबंधन ने ग्राहकों से किये गये वादों को पूरा […]
आसनसोल : वार्ड संख्या 21 अंतर्गत सुगम पार्क फ्लैट्स के निवासियों ने सुगम पार्क रेसिडेंट्स फोरम के बैनर तले गुरूवार से विभिन्न मांगों के समर्थन में बेमियादी धरना व प्रदर्शन आरंभ किया. फोरम के अध्यक्ष प्रदीप चौधरी व सचिव पीसी पान ने बताया कि सुगम पार्क प्रबंधन ने ग्राहकों से किये गये वादों को पूरा नहीं किया है. जिसके कारण उन्हें आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है.
श्री चौधरी व श्री पान ने कहा कि एक हजार फ्लैट निर्मित हैं. इनमें से 280 में परिवार शिफ्ट हो गये हैं. भुगतान लेते समय प्रबंधन ने सुगम पार्क परिसर में मंदिर, अस्पताल, संपूर्ण बाजार, शटल बस परिसेवा देने का वादा किया था. परंतु अब तक इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं हो सका है.
सुगम पार्क निवासी भूषण सिंह ने बताया फ्लैट का रख रखाव शुल्क एक रुपया प्रति वर्ग फुट के दर से अनुबंध में लिखा गया था जबकि डेढ़ रुपये प्रति वर्ग फुट की वसूली हो रही है. फ्लैटों के पंजीकरण से पहले एक साल के रखरखाव शुल्क की मांग हो रही है. कई बार इस मुद्दे पर प्रबंधन से बात की गयी. कोई परिणाम सामने नहीं आया. धरना आरंभ करने पर प्रबंधन ने बिजली व पानी की आपूर्ति बंद कर दी. काफी प्रयासों के बाद दिसंबर, 2014 से सरकारी स्तर पर पानी का कनेक्शन मिल सका. स्थानीय स्तर पर सिर्फ मार्केटिंग और मेंटनेंस विभाग के अधिकारी रहते हैं. निवासियों के क्लब को भाड़े पर चलाया जा रहा है.आइएसपी के सेवानिवृत्त इंजीनियर डॉ बिंदेश्वरी मुखर्जी ने बताया कि जनवरी 2012 में शिफ्ट हुए है.
अभी तक फ्लैटों का पंजीकरण नहीं किया गया है. जबकि एक साल के अंदर पंजीकरण किया जाना था. गैरेज चार्ज लेने के बाद भी गैरेज का आवंटन नहीं हुआ है. सभी अपनी गाड़ियां बाहर ही रखने को बाध्य हैं. बाहर का मुख्य गेट भी कमजोर है. कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है. पार्क परिसर में कहीं भी हरियाली नहीं है, क्लब में इंटरनेट सुविधा देने की बातथी, ग्राउंड नहीं दिया गया, स्वीमिंग पुल देने की बात थी नहीं दी गयी.
सुगम पार्क के स्थानीय अधिकारियों ने इस संबंध में कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यालय में बात करनी होगी. मुख्यालय के लैंड लाइन पर फोन लगाने के बाद भी कोई रेसपांस नहीं मिला.