आइएसआइ का गढ़ बनी बंगाल की भूमि

दुर्गापुर में स्मृति ईरानी ने बोला ममता सरकार पर हमला, कहा दुर्गापुर : क्रांतिकारियों की भूमि धीरे-धीरे आइएसआई का गढ़ बनती जा रही है. मां-माटी-मानुष की सरकार में मानुष जिंदा लाश बनकर रह गया है. बहन-बेटियां असुरक्षित है. सरकार की मुखिया से अपेक्षा करना बेवकूफी होगी. ये बातें केंद्रीय शिक्षा व संसाधन विकास मंत्री स्मृति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2016 12:55 AM
दुर्गापुर में स्मृति ईरानी ने बोला ममता सरकार पर हमला, कहा
दुर्गापुर : क्रांतिकारियों की भूमि धीरे-धीरे आइएसआई का गढ़ बनती जा रही है. मां-माटी-मानुष की सरकार में मानुष जिंदा लाश बनकर रह गया है. बहन-बेटियां असुरक्षित है. सरकार की मुखिया से अपेक्षा करना बेवकूफी होगी.
ये बातें केंद्रीय शिक्षा व संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने बुधवार को दुर्गापुर राजीव गांधी मेला मैदान में भारतीय जनता पार्टी की जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि साढ़े चार वर्षो के शासन में दुर्गापुर में एक भी नया उद्योग नहीं लगा. ममता सरकार पर कटाक्ष करते हुये कहा कि हालांकि इस दौरान कोयलांचल में अवैध खदान का संचालन अवश्य बढ़ा है. इससे तृणमूल नेताओं के पौ-बारह हो गये हैं. ‘दीदी’ की सरकार में एम फॉर मदन, मुकुल ही नहीं बल्कि माफिया भी है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ममता सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिये नदिया में देवी दुर्गा का विसजर्न रोक दिया. मालदा में पुलिस के साथ मारपीट की गई. थाने के आाग के हवाले कर दिया गया. कई वाहन जला दिये गये. बावजूद इसके राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके सांसदों ने चुप्पी साधे रखी. उन्होंने कहा कि संविधानिक कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है.
यहां एक बार फिर परिवर्तन की जरूरत है. ऐसी सरकार जिसमें मां को सम्मान मिले, माटी उपजाऊ बने तथा मानुष को जीने का हक मिले.
सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि जामुड़िया में बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की खबर पाकर केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो उसके परिजनों से मिलने जाते हैं तो वहां 144 धारा बताकर रोक दिया गया.
यह सरकार पूरी तरह फेल हो गई है. आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता मां-माटी-मानुष सरकार को फेल कर भाजपा को काम करने का मौका देगी. मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा, महिला संगठन की नेत्री रूपा गांगुली, भाजपा विधायक समीर भट्टाचार्य, चंद्र कुमार बोस, कृष्ण भट्टाचार्य, सुरेश पुजारी आदि उपस्थित थे.

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