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236 एकड़ पर शुरू होगा कार्य

आसनसोल : रानीगंज कोयलांचल में भूमिगत आग व धंसान से प्रभावित 33,196 परिवारों के 1,80,263 सदस्यों को पुनर्वासित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था. इसके लिए केन्द्र सरकार ने अगस्त, 2009 में पुनर्वास योजना को मंजूरी दी थी. इसके लिए 2610 करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित की गयी थी. पहले चरण […]

आसनसोल : रानीगंज कोयलांचल में भूमिगत आग व धंसान से प्रभावित 33,196 परिवारों के 1,80,263 सदस्यों को पुनर्वासित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था. इसके लिए केन्द्र सरकार ने अगस्त, 2009 में पुनर्वास योजना को मंजूरी दी थी. इसके लिए 2610 करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित की गयी थी.
पहले चरण के पुनर्वास का कार्य पहले पांच वर्ष में पूरा होना था. लेकिन साढ़े छह वर्ष बीतने के बाद भी पुनर्वास के लिए राज्य सरकार के स्तर से जमीन आवंटन न होने के बाद आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकार (अड्डा) ने अपने स्तर से उपलब्ध जमीन पर पुर्वास कार्य करने का निर्णय लिया है.
क्या है मामला
रानीगंज व झरिया कोयलांचल में भूमिगत आग व धंसान से प्रभावित निवासियों के पुनर्वास के लिए पूर्व सांसद हराधन राय ने सुप्रीम कोर्ट में लोक हित याचिका दायर की थी.
लंबे समय तक सुनवायी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन प्रभावित बस्तियों व कॉलोनियों को पुनर्वासित करने का आदेश जारी किया था. केंद्र सरकार ने इसके लिए नौ हजार करोड़ रूपये की राशि आवंटित की थी. रानीगंज की जिम्मेवारी पश्चिम बंगाल सरकार तथा झरिया की जिम्मेवारी झारखंड सरकार को मिली थी. पश्चिम बंगाल सरकार ने यह कार्य नोडल एजेंसी आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकार (अड्डा) को सौंपा था. पांच वर्ष में पहले चरण का पुनर्वास पूरा होना था. दस वर्षो में सभी प्रभावितों को नन कोल बियरिंग इलाके में पुनर्वासित किया जाना था.
‘अधिकार’ ने बढ़ाया दबाब
श्रमिक अधिकार, आंदोलन, श्रम रिसर्च व सामाजिक कल्याण से जुड़ी संस्था ‘अधिकार’ की सचिव सुदीप्ता पाल ने इस संबंध में नोडल एजेंसी अड्डा से अध्यतन जानकारी मांगी थी. सचिव सुश्री पाल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में नोडल एजेंसी आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकार (अड्डा) के राज्य जन सूचना अधिकारी सह सहायक कार्यकारी अधिकारी ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी.
उन्हें अगस्त माह में सूचित किया गया था कि इसक ेलिए अभी तक किसी स्थल का अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. कहा गया था कि डेमोग्राफी सव्रे का कार्य पूरा कर लिया गया है तथआ सूची बद्ध परिवारों को परिचय पत्र जारी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अड्डा प्रशासन व राज्य सरकार को इस मामले में संबंधित तथ्य सार्वजनिक करने चाहिए.
अपनी जमीन पर होगी पहल
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसके लिए पहले बनजेमारी तथा गोरांडीह में जमीन का चयन किया गया था. इसके लिए संबद्ध सरकारी एजेंसियों से पत्रचार भी शुरू किया गया है.
लेकिन राज्य सरकार से जमीन के बारे में आवंटन नहीं हो सका है. इसमें हो रहे बिलंब को देखते हुए अड्डा ने सालानपुर व कुल्टी में मौजूद 236 एक ड़गैर आबाद जमीन पर कार्य करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही 929 एकड़ जमीन के लिए इसीएल प्रबंधन से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा गया है. इस प्रक्रिया के शीघ्र पूरा होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि दुर्गापुर महकमा में भी जमीन की तलाश की जा रही है.

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