योजना. जामुड़िया को जल संकट से निजात दिलाने की दिशा में हो रही पहल
आसनसोल : आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने जामुड़िया शहरी इलाके में व्याप्त जल संकट के समाधान के लिए 193.64 करोड़ रुपये की लागत की दो योजनआओं को मंजूरी दी है. इनका डीपीआर तैयार कर राज्य सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग को भेजा गया है.
मेयर जितेन्द्र तिवारी ने बताया कि वार्ड संख्या एक, दो , चार, पांच (आंशिक) व वार्ड सात के लिए 49.99 करोड़ की दरबारडांगा वाटर सप्लाई स्कीम तथा शेष वार्डो के लिए 143.65 करोड़ की कालाझरिया पाइप्ड वाटर सप्लाई योजना को मंजूरी दी गयी है. मेयर श्री तिवारी ने कहा कि वार्ड संख्या, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, दस, 11, 12, 13, 14, 18, 19, 20, 21, 22, 23 में जलापूत्तर्ि की व्यवस्था करने के लिए कालाझरिया पाइप्ड वाटर सप्लाई योजना से जलापूत्तर्ि की जायेगी. इसके लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गयी है.
इसके अनुसार इस योजना में 143.65 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इन इलाकों की कुल आबादी 1,28,717 थी तथा आकलन के अनुसार वर्ष 2045 में आबादी बढ़ कर 2,16,244 हो जायेगी. इस योजना के लागू होने से वर्ष 2045 तक पर्याप्त पेयजल की आपूत्तर्ि हो सकेगी.
उन्होंने कहा कि इन इलाकों में जलापूत्तर्ि योजना वर्ष 1985 में लागू की गयी थी. उन्होंने कहा कि योजना की अनुमति मिलने तथा इसके लिए कोष उपलब्ध होते ही डेढ़ साल में इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि जोन एक ेक पांच वार्डो में जलापूत्तर्ि के लिए दरबारडांगा वाटर सप्लाई स्कीम को मंजूरी देकर इसका डीपीआर तैयार किया गया है. इस पर 49.99 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. उन्होंने कहा कि इन वार्डो में वार्ड संख्या एक, दो , चार, पांच (आंशिक) व वार्ड सात शामिल हैं.
वर्ष 2011 में हुयई जनगणना के अनुसार इन इलाकों में कुल आबादी 56,010 थी. जबकि वर्ष 2045 में आकलन के अनुसार आबादी बढ़ कर 82,499 हो जायेगी. इन इलाकों के लिए वर्ष 2010 में जलापूत्तर्ि योजना लागू की गयी थी. लेकिन आनेवाले समय के लिए इससे पर्याप्त जलापूत्तर्ि नहीं हो पा रही है. इस समय दरबारडांगा पंपिंग स्टेशन से 11250 केएलडी पानी की जलापूत्तर्ि हो रही है. जबकि वर्ष 2045 में आबादी के अनुसार मांग 23,864 केएलडी की होगी.
गर्मी के दिनों में अजय नदी कमोवेश सूख जाती है तथा पानी संग्रह की मात्र में काफी कमी आ जाती है. उन्होंने कहा कि यदि इस परियोजना को मंजूरी मिलती है तथा कोष उपलब्ध हो जाता है तो इसका निर्माण कार्य डेढ़ वर्ष में पूरा कर लिया जायेगा. इस परियोजना के लिए अजय नदी को जल स्त्रोत बनाया जायेगा तथा जल संग्रह सब-सर्फेस व इनफिल्टरेशन गैलरी से होगा.