सफाई को जोड़ें दिल से, शामिल करें अपनी रोजाना आदत में : जिलाशासक

आसनसोल : जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन शहर की सफाई से लेकर प्रदूषण संरक्षण तथा स्वस्थ परिवेश निर्माण से जुड़ा अभियान है. इस रैकिंग में आसनसोल के पिछड़ने के दु:ख को जुनून में बदल कर अगले सव्रेक्षण में इस टॉप टेन स्वच्छ शहरों में शामिल करने का संकल्प लेना होगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2016 11:35 PM
आसनसोल : जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन शहर की सफाई से लेकर प्रदूषण संरक्षण तथा स्वस्थ परिवेश निर्माण से जुड़ा अभियान है. इस रैकिंग में आसनसोल के पिछड़ने के दु:ख को जुनून में बदल कर अगले सव्रेक्षण में इस टॉप टेन स्वच्छ शहरों में शामिल करने का संकल्प लेना होगा. विशेष भेंट में उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि सभी शहरी इसे अपने दिल से जोड़े तथा सफाई को अपनी आदत बनाये.
10 लाख से अधिक आबादी वाले 51 व दस लाख से कम आबादीवाले 22 शहरों के देशव्यापी सर्वे में सबसे गंदे शहरों की सूची में आसनसोल को दूसरा स्थान से आहत डॉ सौमित्र ने कहा कि गंदगी एक दिन में नहीं फैली है तो इसे साफ भी एक दिन में नहीं किया जा सकता है.
यह सतत चलनेवाली प्रक्रिया है. इसकी सामूहिक जिम्मेवारी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि नीति निर्धारण का केंद्र नगर निगम प्रशासन को बदलना होगा. योजनाबद्घ तरीके से कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि जहां से भी कचड़ा बन रहा है, उसका उठाव वहां से नियमित हो तथा उसके निष्पादन के लिए सतत प्रक्रिया हो. डिगनेटेबल व नन डिगनेटेबल कचड़ा के स्थायी निष्पादन के लिए संयंत्र स्थापित हो.
उन्होंने कहा कि इस संयंत्र की स्थापना व संचालन के लिए पीपीपी मॉड की भी उपयोग किया जा सकता है. इससे खाद व बिजली उत्पादन की संभावना की तलाश होनी चाहिए. सफाई कर्मियों को यूनिफॉर्म सहित अन्य संसाधन उपलब्ध करना होगा तथा उनके कार्य निष्पादन की निगरानी भी करनी होगी.
हर घर के सदस्य को इसके प्रति सचेत होना होगा. इसके साथ ही अपने पड़ोसियों व परिचितों को भी जागरूक करना होगा. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट बड़ी समस्या है तथा इसका स्थायी समाधान ही स्वछ्छ शहर के सपने को साकार कर सकता है.
डॉ मोहन ने कहा कि शहर में अधिक से अधिक शौचालयों का निर्माण करना होगा. सुलभ शौचालय बनाने होंगे. खुले स्थानों पर शौच की आदत समाप्त करनी होगी. खटाऊ शौचालयों का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त करना होगा. शहर के विभिन्न इलाकों से जल निकासी की व्यवस्था करनी होगी तथा नागरिक बोध जागरूक करना होगा. उन्होंने कहा कि बीमारी जब गंभीर है तो इसका इलाज भी कष्टकर ही होगा. नागरिकों में जागरूकता के साथ ही कड़े प्रावधान भी करने होंगे.
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आसनसोल शहर को स्वच्छ भारत सर्वे में प्रतिष्ठित स्थान दिलाने के लिए शहर के हर नागरिक को सचेत व प्रयत्नशील होना होगा. इसे अपनी पहचान से जोड़ना होगा. इसे अपना प्यार देना होगा, क्योंकि यह हमारे अस्तित्व से जुड़ा है. देश के सर्वाधिक गंदे शहर की सूची में मिले दूसरे स्थान के धब्बा को मिटाने का संकल्प लेना होगा. सच तो यह है कि इस धब्बा ने सभी सचेत नागरिकों को आहत किया है.
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