सरकारी स्कूलों में कृमि की दवा खाकर 500 से अधिक बच्चे बीमार
पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना की घटना हल्दिया/कोलकाता : कृमि की दवा खाकर पूर्व मेदिनीपुर व दक्षिण 24 परगना जिले के कई स्कूलों के 500 से अधिक बच्चों के बीमार होने की खबर है. गंभीर रूप से अस्वस्थ बच्चों को विभिन्न अस्पतालों में भरती करवाया गया है. घटना से नाराज अभिभावकों ने प्रदर्शन किया. […]
पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना की घटना
हल्दिया/कोलकाता : कृमि की दवा खाकर पूर्व मेदिनीपुर व दक्षिण 24 परगना जिले के कई स्कूलों के 500 से अधिक बच्चों के बीमार होने की खबर है. गंभीर रूप से अस्वस्थ बच्चों को विभिन्न अस्पतालों में भरती करवाया गया है. घटना से नाराज अभिभावकों ने प्रदर्शन किया. तमलुक में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया गया. अभिभावक खौफजदा हैं.
जानकारी के अनुसार, बुधवार को पूर्व मेदिनीपुर के साथ दक्षिण 24 परगना के बासंती, गोसाबा और कैनिंग के कई स्कूलों में सरकारी स्तर पर बच्चों को कृमि मारने की दवा ‘ऐलबेनडाजोल’ खिलायी गयी.
स्कूलों में मंगलवार को ही दवा पहुंचा दी गयी थी. बुधवार सुबह विभिन्न स्कूलों में दसवीं तक के विद्यार्थियों को यह दवा दी गयी. लेकिन दवा खाने के बाद से कोलाघाट, मौयना, चंडीपुर, भगवानपुर के स्कूलों में विद्यार्थियों के बीमार होने की खबर फैल गयी. अभिभावक बच्चों को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचने लगे. कोलाघाट के सिद्धा हाई स्कूल, उत्तर जियादा प्राथमिक स्कूल, सागरबाड़ हाई स्कूल, पायराचौक हाई स्कूल, भगवानपुर के गाजनपुर हाई स्कूल सहित मौयना व चंडीपुर के कई प्राथमिक व हाई स्कूल में अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. बच्चों ने पेट दर्द, उलटी की इच्छा और सिरदर्द की शिकायत की
खाली पेट दवा खाने से आयी समस्या: स्वास्थ्य विभाग
जिला स्वास्थ्य कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, आतंकित होने जैसे हालात पैदा नहीं हुए हैं. किसी स्कूल में दो-एक विद्यार्थियों के बीमार होने की सूचना मिलने पर छात्र-छात्राअों के साथ-साथ अभिभावकों में भी बेवजह आतंक फैल जाने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई. पूर्व मेदिनीपुर के सीएमओएच डॉ निताई मंडल ने कहा कि आतंकित होने की कोई घटना नहीं हुई है.
जिला स्वास्थ्य विभाग मामले पर नजर रख रहा है. आमतौर पर कृमि की दवा सभी खाते हैं. हम भी खाते हैं. खाली पेट यह दवा खाने से उलटी जैसा मन, पेट दर्द, सिर दर्द हो सकता है. ऐसा प्रतीत होता है कि जिन बच्चों ने खाली पेट यह दवा खायी है वह ही बीमार हुए हैं. दो-एक छात्रों के बीमार होने से बाकी विद्यार्थी भी आतंकित होकर बीमार पड़ गये. स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में बीमार बच्चों की चिकित्सा की व्यवस्था की गयी है.