मुक्तांगन के बच्चों से मुलाकात, मनोरंजन
समीक्षा. इटली की एनजीओ वाइटल की टीम ने किया आसनसोल का दौरा स्टेशन परिसर में लावारिस के रूप में जीवन बिता रहे बच्चों के पुनर्वास में लगे मुक्तांगन को वित्तीय सहयोग करनेवाली संस्था ‘वाइटल’ की टीम ने बच्चों से मुलाकात कर स्थिति की जानकारी ली. इन बच्चों के मनोरंजन के लिए ब्रिटेन के सांस्कृतिक ग्रुप […]
समीक्षा. इटली की एनजीओ वाइटल की टीम ने किया आसनसोल का दौरा
स्टेशन परिसर में लावारिस के रूप में जीवन बिता रहे बच्चों के पुनर्वास में लगे मुक्तांगन को वित्तीय सहयोग करनेवाली संस्था ‘वाइटल’ की टीम ने बच्चों से मुलाकात कर स्थिति की जानकारी ली. इन बच्चों के मनोरंजन के लिए ब्रिटेन के सांस्कृतिक ग्रुप फ्लाइंग सिगल प्रोजेक्ट ग्रुप को भी साथ लाया गया था. उन्होंने बच्चों का भरपूर मनोरंजन किया.
आसनसोल. आसनसोल स्टेशन रोड तेरह नंबर मोड़ स्थित ‘मुक्तांगन’ में गुरूवार को इटली के ‘वाइटल’ग्रुप ने ब्रिटेन के सांस्कृतिक ग्रुप ‘फ्लाइंग सिगल प्रोजेक्ट’ ग्रुप के साथ एकदिवसीय दौरा किया. ‘वाइटल’ग्रुप भारत की संस्था चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राऊ) के माध्यम से मुक्तांगन को वित्तीय सहयोग करता है. नेतृत्व कर रहे एलेग्रा विगानोटी ने ‘मुक्तांगन’ के बच्चों के साथ मुलाकात की और उनके शिक्षा व स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. उनकी टीम ने बच्चों को चॉकलेट, बैलून, गेंद, खेल के सामग्री और अन्य उपहार दिये और इससे पूर्व के दौरे में मौजूद मुक्तांगन के बच्चों की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया.
उन्होंने बच्चों को शिक्षा के महत्व और स्वस्थ रहने के बारे में बताया.
विदेशी टीम मुक्तांगन के बच्चों के साथ वार्ड 27 अंतर्गत रामकृष्ण डंगाल स्थित साउथ धदका फ्री प्राइमरी स्कूल पहुंची. वहां फ्लाइंग सिगल प्रोजेक्ट (ब्रिटेन) ग्रुप ने बच्चों के लिए मनोरंजक कार्यक्रम नृत्य, संगीत, खेल और मैजिक प्रस्तुत कर बच्चों का भरपूर मनोरंजन किया और बच्चों को अपने कार्यक्रम में शामिल कर उन्हें प्रोत्साहित किया.
वाइटल टीम का नेतृत्व कर रहे एलेग्रा विगानोटी ने बताया कि उनकी टीम हर छह महीने में ‘मुक्तांगन’ का निरीक्षण करती है. वाइटल की ब्रिटेन, इटली तथा अमेरिका में कई शाखाएं संचालित हैं. वाइटल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से देशों में सामाजिक प्रोजेक्ट से जुड़ी ह.ै जिनमें बच्चों का स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, पुनर्वास शामिल है. भारत में यह संस्था स्टेशनों में रह रहे बच्चों के पुनर्वास और उन्हें अच्छी शिक्षा देकर समाज की मुख्य धारा में जोड़ने का कार्य करती है.
उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन स्टेशनों में बड़ी संख्या में घर से भागे, अनाथ, प्रताड़ित बच्चे आकर शरण लेते हैं. कुछ गलत संगत में पड़ जाते हैं, नशा के आदी बन जाते हैं. इन बच्चों का जीवन यूं ही बीत जाता था. इस समय स्टेशनों और प्लेटफॉर्मो में पड़े बच्चों को ‘मुक्तांगन’ अपने यहां आश्रय देता है और उन्हें शिक्षा से जोड़ कर उनके जीवन को बदलने का प्रयास करता है. विगानोटी की टीम आसनसोल से खड़गपुर स्थित ‘मुक्तांगन’ को रवाना हो गयी. वहां से वे मालदा और न्यू जलपाईगुड़ी स्थित ‘मुक्तांगन’ के बच्चों से मिलेंगे और उनके बारे में जानकारी लेंगे.
साउथ धदका फ्री प्राइमरी स्कूल में छोटे छोटे बच्चों का मनोरंजन करने वाली ब्रिटेन के फ्लाइंग सिगल प्रोजेक्ट ग्रुप की मुखिया योयो ने बताया कि उनके संगठन के फाउंडर लंदन के एश पेरीन हैं .
उनका ग्रुप यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, नॉर्वे, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में जाकर इस तरह के बच्चों के लिए प्रोजेक्ट पर कार्य करती है. उनके ग्रुप का उद्देश्य इन अनाथ बेसहारा बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना है. उनकी टीम में रैजी,हैरी,बैनोल, बौ हर जगह इसी तरह मनोरंजन करते हैं. उन्होंने बताया कि ये बच्चे काफी कठिन हालातों और विषम स्थितियों में जीते हैं. उनका संगठन भारत में पहली बार आया है. अपने अनुभवों के बारे में उन्होंने बताया कि यहां के बच्चे काफी सच्चे,प्यारे और धैर्यवान हैं.
आसनसोल ‘मुक्तांगन’ की समन्वयक अनिंदा बनर्जी, अभिक राय, बासुदेव राय, दीप पुरक ायस्थ,स्कूल की प्रधान शिक्षिका मालिनी कुमारी, क्राई के पश्चिम बंगाल के संयुक्त महाप्रबंधक सत्य गोपाल दे, विद्युत देव आदि उपस्थित थे.