दुर्गापूजा की शिल्पकृतियों के लिए संग्रहालय
आसनसोल : दुर्गापूजा में पूजा आयोजन कमेटी अपने अपने पंडालों की सज्जा पर लाखों रुपया खर्च कर विभिन्न प्रकार के शिल्पकृतियों का निर्माण करती है. पूजा समाप्त होने के बाद अधिकांश शिल्पकृति गोदामों में पड़ी पड़ी नष्ट हो जाती है. अगले वर्ष इन शिल्पकृतियों का कोई महत्व नहीं रहता है. ऐसी ही चुनिंदा शिल्पकृतियों को […]
आसनसोल : दुर्गापूजा में पूजा आयोजन कमेटी अपने अपने पंडालों की सज्जा पर लाखों रुपया खर्च कर विभिन्न प्रकार के शिल्पकृतियों का निर्माण करती है. पूजा समाप्त होने के बाद अधिकांश शिल्पकृति गोदामों में पड़ी पड़ी नष्ट हो जाती है. अगले वर्ष इन शिल्पकृतियों का कोई महत्व नहीं रहता है. ऐसी ही चुनिंदा शिल्पकृतियों को समेट कर एक संग्रहालय बनाकर उसमें स्थापित की जायेगी
बर्दवान के जिला शासक डॉ सौमित्र मोहन ने कहा कि आसनसोल में यह पहल होगी तथा दुर्गापूजा आयोजन कमेटियों के साथ बैठक कर इस योजना को अंतिम रुप दिया जायेगा. अपने सृजनात्मक कार्यो को लेकर हमेशा चर्चा में रहे जिला शासक डॉ. मोहन ने अस्थायी सांस्कृतिक शिल्पकृतियों को धरोहर के रुप में संजो कर आगामी पीढ़ी को उपहार देने के उद्देश्य से इस परियोजना पर कार्य आरंभ किया है. उन्होंने बताया कि दुर्गापूजा धर्म और संस्कृति का समागम है. इस मौके पर पूजा आयोजन कमेटी अपने पंडालों की सजावट नयी-नयी और विजन पर करती है.
इनसे जुड़ी नयी नयी शिल्पकृतियां बनाने में लाखंों रुपये खर्च होते है. पूजा समाप्त होने के बाद पंडाल सज्जा के लिये व्यवहार की गयी यह शिल्पकृतियां अधिकांशत: गोदामों में नष्ट हो जाती है. आगामी वर्ष नयी थीम पर नयी शिल्पकृतियां नजर आती है. पिछले वर्ष की शिल्पकृतियों को लोग भूल जाते है. इन शिल्पकृतियों को धरोहर के रुप में संयोकर रखने की योजना तैयार की जा रही है.
जिसके लिये एक संग्रहालय बनाया जायेगा. जहां चुनिंदा शिल्पकृतियों को जगह दी जायेगी. शिल्पकृति का पूरा श्रेय शिल्पकार और पूजा कमेटियों को दी जायेगी. इसमें भागीदारी स्वेच्छा से होगी. पूजा संग्रहालय के रुप में स्थापित संग्रहालय में चुनिंदा शिल्पकृतियों को स्थायी रुप से प्रदर्शित किया जायेगा.