केंद्र की नीतियों से चिरेका खतरे में

रुपनारायणपुर : चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना मजदूर यूनियन के वार्षिक सम्मेलन के दौरान खुला सत्र चित्तरंजन पंचमी पल्ली एरिया में रविवार को आयोजित किया गया. संगठन की राज्य कमेटी सदस्य निरंजन महापात्र ने कहा कि चिरेका को बचाने के लिये संयुक्त आंदोलन विकसित करना होगा. किसी समझौते से या वार्ता से चिरेका नहीं बचेगा. दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2016 12:08 AM
रुपनारायणपुर : चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना मजदूर यूनियन के वार्षिक सम्मेलन के दौरान खुला सत्र चित्तरंजन पंचमी पल्ली एरिया में रविवार को आयोजित किया गया. संगठन की राज्य कमेटी सदस्य निरंजन महापात्र ने कहा कि चिरेका को बचाने के लिये संयुक्त आंदोलन विकसित करना होगा. किसी समझौते से या वार्ता से चिरेका नहीं बचेगा. दो सितंबर को भारतीय रेलवे में देशव्यापी हड़ताल सफल करनी होगी.
कर्मचारी संघ के संजय कुमार, वर्कर्स यूनियन के देवाशीष मजूमदार, लेबर यूनियन के तमाल अधिकारी, रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के सुभाष चटर्जी, ओबीसी एसोसिएशन के प्रेम शंकर शर्मा, सुपरवाइजर एसोसिएशन के समीरण चक्रवर्ती, आरपीएफ एसोसिएशन के गौतम मुखर्जी, चिरेका रेलवे मेंस कांग्रेस के भीम बहादूर सोनार आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. सम्मेलन के दौरान गठित 23 सदस्यीय नयी कमेटी के अध्यक्ष प्रणवेश दत्ता, उपाध्यक्ष महेंद्र रजक, तरुण रथ, महासचिव अर्धेदू मुखर्जी, सहायक महासचिव दीपंकर भट्टाचार्या, लखींदर हांसदा, प्रसून बनर्जी, कोषाध्यक्ष विपिन मंडल, कार्यालय सचिव चंदन प्रसाद आदि उपस्थित थे. मजदूर यूनियन राज्य कमेटी के सदस्य श्री महापात्र ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण को बढ़ावा देने से चिरेका का भविष्य खतरे में है.
डीएलडब्ल्यू में इलेक्ट्रिक लोको निर्माण करने का लाइसेंस दिया गया है. चिरेका में उत्पादन इकाइयों को एक एक करके बंद कर आउटसोर्सिग के जरिये मशीनें आयात की जा रही है. जिससे चिरेका एक एसेंबल यूनिट बन चुकी है. आगामी दिनों में चिरेका का भविष्य खतरे में है. इसे लेकर श्रमिक संगठनों को एकजुट होकर आंदोलन करना होगा. बगैर आंदोलन के चिरेका के अस्तित्व की रक्षा नहीं की जा सकती है.

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