बारिश थमने के बाद अब जल जमाव के संकट से जूझ रहे निवासी

पानागढ़ : तीन दिन लगातार हुई मूसलाधार बािरश के बाद पानागढ़ ग्राम समेत ब्लॉक अस्पताल वाले क्षेत्र उचित निकासी व्यवस्था के अभाव में जलमग्न हो गये हैं. स्थानीय िनवािसयों का आरोप है कि एक के बाद एक तालाबों को भर दिये जाने के कारण निकासी ठीक से नहीं हो पाता. इससे क्षेत्र में बािरश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2016 12:49 AM

पानागढ़ : तीन दिन लगातार हुई मूसलाधार बािरश के बाद पानागढ़ ग्राम समेत ब्लॉक अस्पताल वाले क्षेत्र उचित निकासी व्यवस्था के अभाव में जलमग्न हो गये हैं. स्थानीय िनवािसयों का आरोप है कि एक के बाद एक तालाबों को भर दिये जाने के कारण निकासी ठीक से नहीं हो पाता. इससे क्षेत्र में बािरश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है.

स्थानीय प्रशासन समस्या को लेकर त्वरित कार्रवाई कर रहा है लेकिन इलाकों में घुटने तक पानी जमा है. कमोबेश यही स्थिति पानागढ़ बाजार सब्जी मार्केट तथा दुकानदारों को भी भोगना पड़ रहा है. लगातार बारिश के कारण किराना व्यवसायी राजेश लोहानी ने कहा िक निकासी की उपयुक्त व्यवस्था नहीं रहने के कारण दुकान में बरसात का पानी घुस गया है. सामान खराब हो गया है. हजारों का नुकसान उठाना पड़ा है.

सब्जी मार्केट में दुकान लगा सब्जी बेचने वाले बैजनाथ साव ने कहा िक बरसात में मुसीबत बढ़ जाती है. कच्चा माल पानी में सड़ने लगता है. निकासी की व्यवस्था नहीं होने से हर वर्ष हमलोगों को समस्या से जूझना पड़ता है. पंचायत व प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है.

दूसरी ओर, बर्दवान जिले के आउसग्राम के कई इलाकों में भी बरसात व नदियों का पानी घुस गया. वीरभूम जिले के इलमबाजार स्थित कुनुर नदी का पानी तीव्र गति से सेतु के ऊपर से बह रहा है. इस कारण आवागमन ठप हो गया है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल को तैनात िकया गया है. कुनुर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बर्दवान जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन ने बताया कि मंगलवार सुबह छह बजे तक दुर्गापुर बैरेज से सुबह सात बजे 89125 क्यूसेक तथा नौ बजे तक 83475 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.

अतिरिक्त छोड़े गये पानी के कारण तटीय इलाकों के गांव व खेतों में पानी प्रवाहित हो जाने से कृषकों और ग्रामीणों की चिंता बढ़ गयी है. जिले के कालना रामनगर अमरपुर आदि ग्रामीण क्षेत्र में विशेष तौर से िनगरानी जिला प्रशासन व पुलिस रख रही है. अभी तक किसी भी तरह की अप्रिय घटना प्रकाश में नहीं आई है. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन से उपयुक्त मदद नहीं मिल पा रहा है.

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