सामग्रिक विकास के लिए नारी सम्मान जरूरी

आसनसोल उज्जवल वेलफेयर सोसायटी का सम्मान समारोह आयोजित विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण हासिल करनेवाली 40 महिलाओं को सर्टिफिकेट बराकर : उपमेयर तब्बुम आरा ने कहा कि समाज और राष्ट्र का सर्वागीण विकास तभी हो सकता है, जब महिलाओं की भागीदारी पुरुष के साथ एक समान हो. इसके लिये आवश्यक है कि हर धर्म और हर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2016 7:41 AM
आसनसोल उज्जवल वेलफेयर सोसायटी का सम्मान समारोह आयोजित
विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण हासिल करनेवाली 40 महिलाओं को सर्टिफिकेट
बराकर : उपमेयर तब्बुम आरा ने कहा कि समाज और राष्ट्र का सर्वागीण विकास तभी हो सकता है, जब महिलाओं की भागीदारी पुरुष के साथ एक समान हो. इसके लिये आवश्यक है कि हर धर्म और हर जाति के अभिभावक अपनी-अपनी बेटियों को शिक्षित करें. उन्हे पढ़ने के लिये सही समय पर स्कूल भेजे और एक अच्छा नागरिक बनाने के लिये सभी संसाधन उपलब्ध कराये.
हो सकता है कि माता पिता को बच्चों को शिक्षित ओर स्वावलंब करने के लिये त्याग, तपस्या और बलिदान देना पड़े. यह अति आवश्यक है कि बच्चों का चारित्रिक निर्माण में अभिभावकों का शत प्रतिशत योगदान रहे. आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने सीमित साधनों के बल पर योगदान दे रही है और देश का नाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर उज्जवल कर रही है. ताजा मिशान है रियो ओलंपिक में भारत को बैंडमिंटन और कुश्ती में पदक प्राप्त हुआ और दोनों मेडल महिलाओं ने प्राप्त किया. वे स्थानीय अग्रसेन सभागार में आसनसोल उज्जवल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित नारी सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी.
अवसर पर सोसायटी द्वारा प्रशिक्षित विभिन्न कला यथा- कंप्यूटर, सिलाई, ब्यूटीशियन, रंगोली में प्रशिक्षण प्राप्त 40 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. इसके पूर्व सोसायटी के अध्यक्ष सज्जन पारिख ने अतिथियों का स्वागत किया. सचिव धीरज पारिख ने सोसायटी की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी. प्रशांत बनर्जी ने संचालन किया.
बराकर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव शिवकुमार अग्रवाल, कैलाश राय, पूर्व सीआइसी अजय प्रताप सिंह, समाजसेवी ललन राय एवं बीजेए के सचिव केके सिन्हा, कुल्टी ब्लाइंड स्कूल के प्राचार्य जनपुष्टी उपस्थित थे. गायक बाला मांजी व एस रहमान ने गीत गाये. सोसायटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर साकेत रमण गुप्ता व सोनिया पारिख ने धन्यवाद ज्ञापन किया. शांतनु विश्वास व धीरज पारिख आदि सक्रिय थे.

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