यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव किया खारिज
केंद्रीय यूनियनों के स्तर से आगामी दो सितंबर को प्रस्तावित राष्ट्रीय हड़ताल से इसीएल को अलग रखने का प्रयास मंगलवार को विफल रहा. इसीएल कॉरपोरेट जेसीसी की बैठक में यूनियन प्रतिनिधियों ने इसके लिए केंद्र सरकार को सीधे जिम्मेवार ठहराया और इसीएल को हड़ताल से अलग रखने में असमर्थता जतायी. सांकतोड़िया. इसीएल मुख्यालय सांकतोड़िया के […]
केंद्रीय यूनियनों के स्तर से आगामी दो सितंबर को प्रस्तावित राष्ट्रीय हड़ताल से इसीएल को अलग रखने का प्रयास मंगलवार को विफल रहा. इसीएल कॉरपोरेट जेसीसी की बैठक में यूनियन प्रतिनिधियों ने इसके लिए केंद्र सरकार को सीधे जिम्मेवार ठहराया और इसीएल को हड़ताल से अलग रखने में असमर्थता जतायी.
सांकतोड़िया. इसीएल मुख्यालय सांकतोड़िया के प्रशासनिक भवन के सम्मेलन कक्ष में मुख्यालय स्तरीय संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक मंगलवार को कंपनी के कार्मिक निदेशक केएस पात्र की अध्यक्षता में हुयी. वित्त निदेशक एएम मराठे, तकनीकी निदेशक (ऑपरेशन) बीएन शुक्ला, महाप्रबंधक (समन्वय) अजय कुमार सिंह, सीएमडी के तकनीकी सचिव निलाद्री राय, महाप्रबंधक (पीएंडआइआर) आरके राउत, यूनियनप्रतिनिधियों में यूटीयूसी के मधु बनर्जी, इंटक के चंडी बनर्जी, पजय मशीह, सीटू के वंशगोपाल चौधरी, गौरांग चटर्जी, एटक के प्रभात राय, एचएमएस के एसके पांडे, प्रफूल्ल चटर्जी, बीएमएस के तापस घोष आदि मौजूद थे. बैठक में उत्पादन, उत्पादकता एवं दो सितंबर को होनेवाली राष्ट्रीय हड़ताल का मुद्दा छाया रहा.
स्वागत भाषण महाप्रबंधक (कार्मिक व औद्योगिक सुरक्षा) आरके राउत ने दिया. बैठक की अध्यक्षता कर रहे कार्मिक निदेशक श्री पात्र ने कहा कि सभी के सहयेाग से कंपनी ने बेहतर मुकाम हासिल किया है.
विश्व की हालत तेजी से बदल रहे है. हर रोज नयी नयी तकनीक आ रही है. कोयले की गुणवता और उत्पादकता के लिए कंपनी को भी नयी तकनीक से जुड़ना होगा. आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी. कंपनी को तकनीकी रुप से दक्ष बनाना होगा. तभी विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा में बने रह सकते है. चुनौतियों से मुकाबले के लिए तकनीकी रुप से दक्ष होना जरूरी है. संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) सदस्यों के सुझावों को सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कंपनी को उंचाई तक पहुंचाने में सभी का सहयोग मिलता रहा है.
उम्मीद है आनेवाले ऊंचाई तक पहुंचाने में सभी का सहयोग मिलेगा. कंपनी की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए पूरी इमानदारी व लगन से काम करना होगा. कोयला उद्योग के सामने कठिन परिस्थितियां आ सकती है. इसके लिये अभी से तैयारी करनी होगी.
उन्होंने कहा कि भूमिगत खदानों से कंपनी को काफी नुकसान हो रहा है. इस नुकसान को पाटने की दिशा में सबका सुझाव जरूरी है. इसमें सहयोग करें. सोदपुर एरिया, सातग्राम एरिया एवं श्रीपुर एरिया की सारी भूमिगत खदानें घाटा में चल रही है. भूमिगत खदानों से पांच हजार रुपया प्रति टन का घाटा कंपनी को हो रहा है. यह बहुत बड़ी घाटा है. इस घाटे को नियंत्रित करना ही होगा.
जेसीसी सदस्यों ने सुझाव दिया कि इसके लिये विशेष कमेटी का गठन हो. वह कमेटी प्रत्येक एरिया की खदानों की ऑन स्पॉट समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करेगी. इस रिपोर्ट को मुख्यालय में जमा करने के बाद हर कोलियरी की स्थिति की समीक्षा कर सही निर्णय लिय ा जाये.
कंपनी में न हो दो िसतंबर की हड़ताल: कार्मिक िनदेशक
कार्मिक निदेशक श्री पात्र ने कहा कि दो सितंबर को होनेवाली हड़ताल कंपनी में नहीं होनी चाहिए. इससे कंपनी को काफी नुकसान होगा.
यूनियन सदस्यों ने कहा कि यह हड़ताल राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों व श्रमिकों के अधिकारों में कटौती के खिलाफ हो रही है. इस हड़ताल से अलग होने का निर्णय कंपनी के स्तर पर नहीं लिया जा सकता है. यदि सरकार पहल कर राष्ट्रीय स्तर की हड़ताल को स्थगित करा सके तो कंपन ी में भी हड़ताल नहीं होगी. केंद्रीय स्तर से आदेश आने तक हड़ताल होना निश्चित है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते के लिए अभी तक 10वीं जेबीसीसीआइ का गठन नहीं हुआ है. वेतन समझौता की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि नौवें वेतन समझौते के कई विन्दुओं को अभी तक लागू नहीं किया जा सका है. हड़ताल के लिए केंद्र सरकार व उसकी जनविरोधी नीतियां ही दोषी हैं. इस हड़ताल को स्थगित कराने की दिशा में सरकार को ही पहल करनी होगी. बिना किसी निर्णय के बैठक समाप्त हो गयी.