सुप्रीम कोर्ट की राय में स्पष्टता नहीं : सूर्यकांत

क‍ोलकाता : सिंगूर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने कहा है कि फैसले में पूरी स्पष्टता नहीं है. सिंगूर में कारखाना की स्थापना नहीं हो पायी, इसी वजह से किसानों को जमीन वापस देने का फैसला किया गया है. श्री मिश्रा ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2016 7:19 AM
क‍ोलकाता : सिंगूर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने कहा है कि फैसले में पूरी स्पष्टता नहीं है. सिंगूर में कारखाना की स्थापना नहीं हो पायी, इसी वजह से किसानों को जमीन वापस देने का फैसला किया गया है.
श्री मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप किसानों को एक निर्दिष्ट समय में जमीन वापस लौटाने होंगे व मुआवजा देना होगा. इसमें थोड़ी जटिलता बनी हुई है. मसलन जिन किसानों ने अपनी इच्छानुसार मुआवजे की राशि लेकर जमीन दी है, उनका क्या होगा?
दूसरी ओर जिन किसानों ने मुआवजे की राशि नहीं ली है, उस क्षेत्र में क्या किया जायेगा? सवाल यह है कि किसानों को वापस मिलनेवाली जमीन में कृषि कार्य हो पायेगा? मिश्रा ने कहा कि अदालत के फैसले के अनुसार कृषि योग्य जमीन नहीं होने पर किसानों को आसपास स्थित कृषि योग्य जमीन मुहैया करानी होगी. यानी उस जमीन को देने के लिए किसी दूसरे से जमीन अधिग्रहण करना पड़ेगा. माकपा नेता ने दावा किया है कि सिंगूर के करीब 90 प्रतिशत किसानों ने अपनी मरजी से कारखाना निर्माण के लिए मुआवजा की राशि ग्रहण करते हुए अपनी जमीन दी थी.
तत्कालीन वाममोरचा सरकार पर जबरन जमीन अधिग्रहण किये जाने के आरोप बेबुनियाद है. मिश्रा ने कहा है कि सिंगूर मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार की ओर से क्या कदम उठाये जायेंगे, यह स्पष्ट करना होगा. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए उनकी जमीन सब कुछ होती है. जबरन जमीन अधिग्रण करने के पक्ष में माकपा भी नहीं है. लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल कृषि कार्य पर निर्भर रहकर देश का विकास हो सकता है? यह सभी को सोचना होगा.

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