जेइइ मेन : ऑफ लाइन परीक्षा दो अप्रैल को

आसनसोल : देश के 23 आइआइटी संस्थान एवं विभिन्न एनआइटी संस्थानों में नामांकन को लेकर ज्वाइंट इंट्रेंस एग्जाम की ऑफ लाइन परीक्षा वर्ष 2017 में दो अप्रैल को होगी. इसका परिणाम 27 अप्रैल को आयेगा. इसके बाद 28 अप्रैल से दो मई तक जेइइ एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशन होंगे. चार मई तक विलंब शुल्क के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2016 5:08 AM
आसनसोल : देश के 23 आइआइटी संस्थान एवं विभिन्न एनआइटी संस्थानों में नामांकन को लेकर ज्वाइंट इंट्रेंस एग्जाम की ऑफ लाइन परीक्षा वर्ष 2017 में दो अप्रैल को होगी. इसका परिणाम 27 अप्रैल को आयेगा. इसके बाद 28 अप्रैल से दो मई तक जेइइ एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशन होंगे.
चार मई तक विलंब शुल्क के साथ रजिस्ट्रेशन होंगे. एडमिट कार्ड 10 मई से 21 मई तक डाउनलोड किये जा सकेंगे. इधर पहली बार इस प्रवेश परीक्षा की तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए दस वर्षो के प्रश्नपत्र ऑनलाइन किये गये है.
यह प्रश्नपत्र वर्ष 2007 से लेकर 2016 तक के हैं. विद्यार्थी प्रश्नपत्र को वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते है. जेइइ एडवांस की परीक्षा 21 मई को होगी. पेपर एक की परीक्षा सुबह नौ से बारह बजे तक एवं पेपर दो की परीक्षा दोपहर दो से पांच बजे तक होगी. इसके बाद 31 मई को ओआरएस को ऑनलाइन डिस्प्ले किया जायेगा. जिस पर आपत्ति तीन जून तक स्वीकृत की जायेगी. आंसर की चार जून को को डिस्प्ले होंगे, जिस पर फीडबैक चार से छह जून तक स्वीकृत होंगे. परिणाम की घोषणा 11 जून को होगी. दस वर्षो के प्रश्नपत्र में भौतिकी, रसायन व गणित के प्रश्न देखकर विद्यार्थी सही पैटर्न का आकलन कर सकेंगे. इससे प्रवेश परीक्षा की मुश्किल तैयारी को आसान बनाया जा सकेगा. इस बार परीक्षा आइआइटी मद्रास की देखरेख में होगी.
नाम में सुधार का मौका मात्र एक साल तक : सीबीएसइ मार्क्‍स शीट और सर्टिफिकेट में किसी तरह की गलती होने पर मात्र एक साल तक ही सुधार का मौका देता है. अगर किसी स्टूडेंट्स के मार्क्‍स शीट या सर्टिफिकेट में नाम में त्रुटि होती है तो ऐसी स्थिति में स्टूडेंट्स को एक साल के अंदर अपने नाम में सुधार करा लेना होगा. नहीं तो फिर सुधार का मौका बोर्ड नहीं देता है.
पांच फीसदी रिजल्ट हो जाता है पेंडिंग
कई बार गलत परीक्षा फॉर्म भरने के कारण स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी पेंडिंग हो जाता है. सीबीएसइ की मानें तो हर साल पांच से सात फीसदी ऐसे रिजल्ट पेंडिंग हो जाते है. जब पेंडिंग रिजल्ट को सही किया जाता है तो पता चलता है कि इन स्टूडेंट्स के परीक्षा फॉर्म में ही गलत जानकारी दी गयी थी. पेंडिंग रिजल्ट को सीबीएसइ तभी सही करता है, जब अभिभावक आवेदन देते है. अभिभावकों को इसके लिये आवेदन भर का संबंधित क्षेत्रिय कार्यालय में जमा करना होता है.
सीबीएसइ के चेयरमैन राजेश चतुर्वेदी ने कहा कि परीक्षा फॉर्म भरने में एक बार गलती होने से यह बहुत ही परेशानी का कारण बन जाता है. कई जानकारी परीक्षा फॉर्म भरने के समय स्टूडेंट्स गलत देते है. इस कारण इस बार परीक्षा फार्म अभिभावकों को घर ले जाने की इजाजत दी जायेगी. इस सुविधा से अभिभावकों को बाद में परेशानी नही होंगी.

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