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आधार कार्ड ही सीएमपीएफ नंबर
सुविधा. कोयलाकर्मियों के लिए कोयला खान भविष्य निधि संगठन ने शुरू की नयी व्यवस्था आसनसोल : इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) सहित कोल इंडिया लिमिटेड व उसकी अनुषांगिक कोयला कंपनियों के कर्मियों का आधार कार्ड नंबर ही आगामी समय में उ’का कोयला खान भविष्य निधि (सीएमपीएफ) नंबर होगा. कोयला खान भविष्य निधि संगठन ने इसकी प्रक्रिया […]
सुविधा. कोयलाकर्मियों के लिए कोयला खान भविष्य निधि संगठन ने शुरू की नयी व्यवस्था
आसनसोल : इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) सहित कोल इंडिया लिमिटेड व उसकी अनुषांगिक कोयला कंपनियों के कर्मियों का आधार कार्ड नंबर ही आगामी समय में उ’का कोयला खान भविष्य निधि (सीएमपीएफ) नंबर होगा. कोयला खान भविष्य निधि संगठन ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इसीएल प्रबंधन ने इस मुद्दे पर कॉरपोरेट स्तरीय संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक 26 अक्तूबर को कुनुस्तोड़िया में बुलायी है. श्रमिकों के आधार कार्ड बनाने के लिए विभिन्न कोलियरियों में शिविर लगाये जायेंगे तथा कर्मियों में जागरूकता के लिए चार रथ भी निकाले जायेंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोयला श्रमिकों व कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कोयला खान भविष्य निधि संगठन ने निर्णय लिया है कि कोयला कंपनियों के कर्मियों का आधार नंबर ही उनका सीएमपीएफ नंबर होगा. सीएमपीएफओ के आयुक्त बालकृष्ण पांडा की पहल पर संगठन के स्तर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. पहले चरण में इसीएल, बीसीसीएल तथा सीसीएल के कर्मियों को इसमें शामिल किया जा रहा है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में सरकारी व विभागीय कार्यो में आधार कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है लेकिन केंद्र सरकार क्रमिक रूप से इसे लागू कर रही है. कोयला श्रमिकों व कर्मचारियों में सभी के पास आधार कार्ड नहीं है. इसके बाद भी सीएमपीएफओ ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है. इसके लिए कोयला कर्मियों को जागरूक किया जायेगा.
कार्ड के सीएमपीएफ नंबर बनने से स्थायी व ठेका श्रमिकों को काफी फायदे होंगे. आधार कार्ड नंबर होने के बाद उन्हें आधार कार्ड नंबर और सीएमपीएफ नंबर अलग-अलग याद रखने की परेशानी से निजात मिल जायेगी.
साथ ही पेंशन राशि लेने के लिए हर वर्ष जीवित होने के प्रमाण पत्र देने की अनिवार्यता या कागजी कार्यवाही समाप्त हो जायेगी. किसी भी राज्य के प्रज्ञा केंद्र या बायोमीट्रिक सुविधायुक्त बैंक से अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा. अभी इसके लिए कई सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है. आधार कार्ड नंबर लागूहो जाने से विधवा या विधुर पेंशन भुगतान स्वत: शुरू हो जायेगा.
आवेदकों को इसके लिए दलालों के पीछे घूमने तथा राशि खर्च करने से निजात मिल जायेगी. सूत्रों के अनुसार इससे सबसे अधिक फायदा उन कर्मियों को मिलेगा जो कोयला कंपनियों में दस वर्ष से कम कार्य करते हैं. नियमानुसार दस वर्ष से कम कार्य करने पर उन्हें पेंशन नहीं मिल पाता है. लेकिन आधार कार्ड से जुड़े होने के कारण वे किसी भी क्षेत्रमें कार्यरत क्यों न हो, कोयला कंपनियों की सेवा में उनके पिछले वर्ष भी जुड़ जायेंगे तथा उन्हें पेंशन मिलना शुरू हो जायेगा. तबादला होने पर फंड का राशि गुम होने या गड़बड़ी होने का आशंका भी समाप्त हो जायेगी.
ठेका श्रमिकों को भी इससे काफी फायदा होगा. सीएमपीएफ अलग नंबर होने के कारण उन्हें फंड निकासी के समय संबंधित ठेकेदार के उपर निर्भर नहीं करना पड़ेगा और सीएमपीएफओ में उनका अलग नंमबर होगा. अंतिम फायदा यह है कि आधार कार्ड से जुड़ जाने के बाद आइबीआरएस सुविधा होने के कारण कोयला कर्मी अपने फंड की राशि या पेंशन की राशि की जानकारी ऑनलाइन अपनी भाषा ले पायेंगे. इन सुविधाओं के मद्देनजर इसीएल प्रबंधन ने बुधवार को कॉरपोरेट जेसीसी की बैठक इस मुद्दे पर बुलायी है. यूनियन नेताओं की सहमति के बाद इसे क्षेत्रीय व कोलियरी स्तर पर ले जाया जायेगा.
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