इसीएल कॉरपोरेट सेफ्टी कमेटी की बैठक

खदानों में जीरो एक्सीडेंट लक्ष्य हासिल करने पर निदेशकों का जोर ठेका श्रमिकों को भी प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया यूनियनप्रतिनिधियों ने सांकतोड़िया. इसीएल मुख्यालय सांकतोड़िया के प्रशासनिक भवन के सम्मेलन कक्ष में बुधवार को सुरक्षा समिति की बैठक तकनीकी निदेशक (संचालन) बीएन शुक्ला की अध्यक्षता में हुयी. तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) अजय कुमार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2016 11:59 PM

खदानों में जीरो एक्सीडेंट लक्ष्य हासिल करने पर निदेशकों का जोर

ठेका श्रमिकों को भी प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया यूनियनप्रतिनिधियों ने

सांकतोड़िया. इसीएल मुख्यालय सांकतोड़िया के प्रशासनिक भवन के सम्मेलन कक्ष में बुधवार को सुरक्षा समिति की बैठक तकनीकी निदेशक (संचालन) बीएन शुक्ला की अध्यक्षता में हुयी.

तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) अजय कुमार सिंह, सभी क्षेत्रों के महाप्रबंधक एवं सुरक्षा अधिकारी, यूनियन प्रतिनिधियों में सीटू के विनोद सिंह, एटक के कल्याण बनर्जी, एचएमएस के देवनाथ यादव, इंटक के केशव मुखर्जी, यूटीयूसी एवं बीएमएस के प्रतिनिधि शामिल थे.

बैठक में खदानों की सुरक्षा पर विशेष चर्चा हुयी.

खदान दुर्घटनाओं में मारे गये कर्मियों व कोल इंडिया के पूर्व तकनीकी निदेशक सह बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी एन कुमार की याद में दो मिनट का मौन रखा गया. क्षेत्रीय महाप्रबंधकों से अपने अपने क्षेत्र के खदानों की सुरक्षा की जानकारी दी. निदेशकों ने कहा कि सुरक्षा के मामले में किसी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. एरिया प्रबंधन सुरक्षा के प्रति गंभीर बने व अपनी अपनी जबाबदेही को समङो. माइंस मैनेजमेंट में भी सुधार की आवश्यकता है.

डीटी श्री शुक्ला ने कहा कि सुरक्षा संरक्षण और गुणवत्ता को प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए दक्षतापूर्वक और मितव्ययिता के साथ पर्यावरण के अनुकूल योजनाबद्ध परिणाम में कोयले का उत्पादन करना है. श्रमिक ही शक्ति है. सुरक्षा बोर्ड के सदस्यों ने भी सुरक्षा के मामले में कई सुझाव दिए कहा कि छोटी छोटी भूल होने के कारण दुर्घटनाएं घटती है.

इस भूल को सुधार करना होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यालय स्तर पर जो भी निर्णय प्रबंधन द्वारा लिये जाते है. उसे कोलियरी स्तर पर लागू कराया जाना चाहिए ताकि श्रमिकों में सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ेगी. समिति के सदस्यों ने अपना सुझाव दिया कि कांट्रेैक्टर श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था हो ताकि वो सही रुप से काम कर सके.

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