सरकारी माइनिंग कॉलेज की स्थापना शीघ्र
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर शिक्षा के क्षेत्र में आसनसोल को काफी संपन्नता मिल रही है. काजी नजरूल विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही नर्सिग कॉलेज व बांग्ला माध्यम कॉलेज की स्थापना पहले ही हो चुकी है. श्रम मंत्री मलय घटक पहले ही मेडिकल कॉलेज स्थापना की घोषणा कर चुके हैं. शिक्षा मंत्री पार्थो […]
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर शिक्षा के क्षेत्र में आसनसोल को काफी संपन्नता मिल रही है. काजी नजरूल विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही नर्सिग कॉलेज व बांग्ला माध्यम कॉलेज की स्थापना पहले ही हो चुकी है. श्रम मंत्री मलय घटक पहले ही मेडिकल कॉलेज स्थापना की घोषणा कर चुके हैं. शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी ने अब सरकारी माइनिंग कॉलेज की स्थापना की घोषणा पर इसे और समृद्धि दे दी है.
आसनसोल : राज्य सरकार आसनसोल में सरकारी माइनिंग कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी मंजूरी दे दी है. अन्य औपचारिकताएं शीघ्र पूरी कर ली जायेगी. आसनसोल, बर्दवान, विरभूम, पुरुलिया व बांकुड़ा जिले में बड़ी संख्या में कोयला खदान होने के कारण इस कॉलेज से उत्तीर्ण होनेवाले खनन स्नातकों को रोजगार की व्यापक संभावना बनी रहेगी.
एक विशेष भेंट में शिक्षा मंत्री श्री चटर्जी ने कहा कि बर्दवान, विरभूम, बांकुड़ा व विरभूम जिले में कोयले का काफी भंडार है. इन इलाकों में इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड सहित निजी कंपनियों की भी कोयला खदाने हैं. लेकिन इन इलाकों में एक भी सरकारी माइनिंग कॉलेज नहीं है. इस कारण राज्य सरकार ने आसनसोल में शीघ्र ही सरकारी माइनिंग कॉलेज कोलने का निर्णय लिया है. इसके लिए जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. शीघ्र ही इसकी स्थापना कर दी जायेगी.
सनद रहे कि इस कोयलांचल सहित झारखंड के सीमावर्ती जिलों में सरकारी माइनिंग कॉलेज धनबाद में इंडियन स्कूल ऑफ माइनिंग (आइएसएम) ही है. इसे भी पिछले वर्ष ही आइआइटी का टैग मिला है. देश की विभिन्न सरकारी व निजी कोयला कंपनियों में अधिसंख्य खनन अधिकारी आइएसएम के ही प्रोडक्ट हैं. आसनसोल में सरकारी माइनिंग कॉलेज खुलने से रोजगार की बड़ी संभावना बनेगी. अभी माइनिंग सरदार या ओवरमैन की पढ़ाई करने के लिए यहां के स्टूडेंट्सों को नागपुर सहित अन्य राज्यों के निजी कॉलेजों में जाना पड़ता है.
जानकार सूत्रों ने कहा कि आनेवाले समय में इन चार जिलों में कोयले की खदानें बड़ी संख्या में खुलने वाली है. इसीएल की 80 से अधिक खदानें इसी क्षेत्र में संचालित हैं. इसके साथ ही निजी बिजली कं पनी का कोयला खदान आइसीएमएल भी संचालित हो रहा है.
केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्य सरकारों व निजी कंपनियों को बड़ी संख्या में कोल ब्लॉकों का आवंटन किया है. आनेवाले दस वर्षो में इनमें से अधिसंख्य खदानों में खनन कार्य शुरू हो जायेगा. इसके कारण हजारों की संख्या में माइनिंग स्नातकों के लिए रोजगार सृजित होंगे. उसके लिए सरकारी माइनिंग कॉलेज की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी.
इसीएल की प्रस्तावित ओसीपी
इसीएल की मौजूदा कोयला खदानों के साथ ही बड़ी संख्या में ओसीपी प्रस्तावित हैं. सूत्रों के अनुसार आनेवाले समय में प्रस्तावित ओसीपी में चपुईखास ओपेन कास्ट पैच, कौरडीह ओपेन कास्ट पैच, डामालिया ओपेन कास्ट पैच, कालीपहाड़ी ओपेन कास्ट पैच ए, कालीपहाड़ी ओपेन कास्ट पैच बी, कालीपहाड़ी ओपेन कास्ट पैच सी, कालीपहाड़ी ओपेन कास्ट पैच डी, मुसलिया ओपेन कास्ट पैच, भनौरा वेस्ट ओपेन कास्ट पैच, जेके नगर ओपेन कास्ट पैच, मीठापुर वेस्ट भूमिगत व ओपेन कास्ट पैच, गौरांडी ब्लॉक-डी फेज-वन ओपेन कास्ट पैच, गौरांडी बेगुनिया फेज-वन ओपेन कास्ट पैच, ईटापाड़ा ओपेन कास्ट पैच, खैराबाद ओपेन कास्ट पैच, बनबहाल ओपेन कास्ट पैच, न्यू केंदा ओपेन कास्ट माइन्स, श्ंकरपुर ओपेन कास्ट पैच फेज चार, सिदुली ओपेन कास्ट पैच, हरिपुर ओपेन कास्ट पैच, पटमोहना ओपेन कास्ट पैच, सोदपुर ओपेन कास्ट पैच, मिठानी ओपेन कास्ट पैच, चिनाकुड़ी-थ्री ओपेन कास्ट पैच, पुरुषोत्तमपुर ओपेन कास्ट पैच तथा मेगा प्रोजेक्ट कुमारडीही-बी-नकड़ाकोंड़ा ओपेन कास्ट पैच शामिल है.