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लाखों के लाभ का सपना दिखा कर शातिरों ने उड़ाये 9.55 लाख

कम समय में अधिक मुनाफे के लालच में एक और फंसा

छह माह में निवेश के 9.55 लाख रुपये हो गये 24.44 लाख, नहीं हो पायी निकासी 15 अप्रैल से छह मई के बीच तीन किश्तों में किया गया था निवेश आसनसोल साइबर थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी, पुलिस जुटी जांच में आसनसोल. कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के लालच में एक और व्यक्ति ने अपना सारा पैसा गंवा दिया. दुर्गापुर गोपालमठ बागान पाड़ा इलाके के निवासी संजय सरकार ने साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसकर शेयर बाजार में निवेश करके 9.55 लाख रुपये गंवा दिये. उन्होंने 15 अप्रैल 2024 से छह मई के बीच आरटीजीएस के माध्यम से कुल तीन किश्तों में उक्त राशि का भुगतान किया था. साइबर अपराधी उनके शेयर ट्रेडिंग पेज पर निवेश की राशि पर अच्छा मुनाफा होने आकड़ा दे रहे थे. कुछ समय के अंदर ही निवेश किये गये साढ़े नौ लाख रुपये बढ़कर 24,44,778 रुपये पर पहुंच गये. लेकिन जब उन्होंने कुछ पैसा निकालना चाहा तो उनका आवेदन खारिज कर दिया गया और निवेश के लिए और राशि की मांग की गयी. जब उन्होंने और पैसा निवेश करने से इंकार कर दिया तो साइबर अपराधियों ने उन्हें धमकी दी कि यदि पैसा निवेश करने में विफल हुए तो अकाउंट स्थायी रूप से बंद कर दिया जायेगा और कानूनी कार्रवाई की जायेगी. जब उन्होंने धमकी के बाद भी निवेश नहीं किया तो उन्हें सभी ग्रुपों से हटा दिया गया और उनके साथ सभी संपर्क तोड़ लिये गये. इसके बाद उन्हें अहसास हुआ कि वह साइबर ठगी के शिकार हुए हैं. जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम थाना आसनसोल में की. शिकायत के आधार पर कांड संख्या 107/24 में बीएनएस की धारा 316(2)/318(4)/319(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. गौरतलब है कि शेयर बाजार में निवेश के नाम पर साइबर अपराधियों ने आसनसोल दुर्गापुर कमिश्नरेट क्षेत्र में सैकड़ों लोगों को फंसा कर रखा है. जैसे-जैसे लोग पैसे निकालने जाते है, वैसे ही उन्हें समझ में आता है कि वे ठगी के शिकार हो गये हैं. नियमित इसकी शिकायत दर्ज हो रही है. दुर्गापुर निवासी संजय सरकार ने अपनी शिकायत में कहा कि इस साल फरवरी माह में फेसबुक पर सर्फिंग के दौरान उन्हें शेयर बाजार में निवेश करके अच्छा मुनाफा कमाने का विज्ञापन दिखा. उन्होंने लिंक पर क्लिक किया और अपना नाम पंजीकृत करने के लिए विवरण दिया. इसके बाद वे पूरी तरह से साइबर अपराधियों के गिरफ्त में फंस गये. उन्हें व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया. जिसके बाद उन्होंने उक्त राशि का निवेश किया. जब पैसे निकालने की बारी आयी तो उन्हें समझ में आया कि वह साइबर ठगी के शिकार हुए हैं.

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