25 से सभी दर्शनीय स्थलों के लिए बस सेवा

गुड न्यूज : ‘आसनसोल को जानो’ अभियान को लेकर आसनसोल नगर निगम की पहल विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा विकास की दिशा में आसनसोल नगर निगम ने सार्थक पहल की है. इन स्थलों को जोड़ने के लिए बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है. इससे न सिर्फ रोजगार सृजन होगा, बल्कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2017 11:22 PM
गुड न्यूज : ‘आसनसोल को जानो’ अभियान को लेकर आसनसोल नगर निगम की पहल
विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा विकास की दिशा में आसनसोल नगर निगम ने सार्थक पहल की है. इन स्थलों को जोड़ने के लिए बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है. इससे न सिर्फ रोजगार सृजन होगा, बल्कि शहर को नयी पहलचान भी मिलेगा.
आसनसोल : ‘आसनसोल को जानो’ अभियान के तहत आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने आगामी 25 फरवरी से नगर निगम इलाके के पर्यटन स्थलों के लिए रोजाना नियमित बस सेवा शुरू करने की घोषणा की. यह जानकारी देते हुए मेयर जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि आनेवाले समय में इस सेवा को और अधिक विस्तार दिया जायेगा.
मेयर श्री तिवारी ने कहा कि आसनसोल नगर निगम इलाका सांस्कृतिक विरासत के रूप में काफी समृद्ध रहा है. यह बौद्ध धर्म से लेकर जैन धर्म तक की स्थली रही है. साथ ही हिन्दू धर्म के स्थलों के साथ मुसलिम धर्म के भी कई एतिहासिक स्थल हैं. रेलवे तथा कोयला क्षेत्र के कई एतिहासिक विरासत मौजूद हैं. लेकिन इन्हें विकसित करने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं हो पायी है. इस कारण आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने इस दिशा में पहल करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर आसनसोल आनेवाले अतिथि समझ ही नहीं पाते हैं कि आसनसोल में दर्शनीय स्थल कौन-कौन से हैं. आम नागरिकों को भी इसकी जानकारी नहीं हो पाती है. इसलिए ‘आसनसोल को जानो’ अभियान के तहत सभी ऐसे स्थलों को बस सेवा से जोड़ने का निर्णय लिया है. श्री तिवारी ने कहा कि इस बस सेवा का उद्घाटन आगामी 25 फरवरी को राज्य के ख्ेल व संस्कृति मंत्री अरुप विश्वास करेंगे. पहले चरण में सिर्फ एक बस चलायी जायेगी. 31 सीटों वाली इस बस को काफी आकर्षणीय बनाया गया है. उन्होंने कहा कि इस बस सेवा का संचालन नगर निगम प्रशासन करेगा. बस अनुबंध पर ली जायेगी. उन्होंने कहा कि बस रोजाना नगर निगम मुख्यालय के सामने से खुलेगी. क्योंकि यह स्टेशन तथा सिटी बस स्टैंड से काफी नजदीक है. बस यहां से शुरू होकर घाघरबुड़ी मंदिर जायेगी. इसके बाद कल्याणोंश्वरी, मैथन डैम, बराकर पंच मंदिर, डिसरगढ़ स्थित मजार, खुदिया नदी, बराकर नदी तथा दामोदर नदी की त्रिवेणी डिसरगढ़, छिन्न मस्तिका मंदिर, रानीगंज मजार, काजी नजरूल की जन्मस्थली चुरुलिया सहित विभिन्न दर्शनीय स्थलों तक जायेगी. यह बस सेवा दिन भर में एक चक्कर लगायेगी.
उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में भले ही यह सेवा लाभदायक न हो, लेकिन इसे अनुदान देकर जारी रखा जायेगा. इसके चालू रहने से बड़ी संख्या में इन दर्शनीय स्थलों पर रोजगार तथा व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा. माहौल बनने के बाद निजी बस सेवा भी शुरू हो सकती है. इसके साथ ही इन पर्यटन स्थलों के विकास का मार्ग भी प्रशस्त हो सकेगा. उन्होंने कहा कि बस के रूटों में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जायेगा.

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