काटना पड़ा हाथ, मांगा मुआवजा
दु:खद. चिकित्सक, नर्स की लापरवाही का खामियाजा जीवन भर भुगतने को मजबूर स्कूली लड़की मुरारडीह ब्लॉक प्राइमरी हेल्थ सेंटर के समक्ष ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन बीएमओएच ने दिया मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन नितुरिया : सांतुड़ी प्रखंड के मुरारडीह ब्लॉक प्राइमरी हेल्थ सेंटर में बच्ची का गलत इलाज होने के कारण उसका […]
दु:खद. चिकित्सक, नर्स की लापरवाही का खामियाजा जीवन भर भुगतने को मजबूर स्कूली लड़की
मुरारडीह ब्लॉक प्राइमरी हेल्थ सेंटर के समक्ष ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन
बीएमओएच ने दिया मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन
नितुरिया : सांतुड़ी प्रखंड के मुरारडीह ब्लॉक प्राइमरी हेल्थ सेंटर में बच्ची का गलत इलाज होने के कारण उसका हाथ काटना पड़ा. इसके खिलाफ शनिवार को विटी गांव के ग्रामीणों ने हेल्थ सेंटर के समक्ष प्रदर्शन कर मुआवजे की मांग की. बीएमओएच डॉ आशीष विश्वकर्मा ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर सोमवार को निर्णय लिया जायेगा. इसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ. ग्रामीणों ने कहा कि यदि सोमवार को निर्णय नहीं हुआ तो वे हेल्थ सेंटर में तालाबंदी कर देंगे. ग्रामीणों के अनुसार गांव के निवासी अब्दूल सादिक की 12 वर्षीया बेटी फरजाना नाज को पेट में दर्द होने के कारण विगत 30 दिसंबर को मुराडीह ब्लॉक प्राइमरी हेल्थ सेंटर में ले जाया गया था.
वहां मौजूद चिकित्सक ने उसे इंजेक्शन लगाया तथा कुछ दवाइयां खाने को दी. इस दौरान नर्स ने बच्ची के दाहिने और बायें हाथ में इंजेक्शन लगाया. बायें हाथ में इंजेक्शन नस में लगाया गया था. जब वह घर लौटी तो उसके हाथ में दर्द शुरू हो गया. संध्या में उसे पुन: हेल्थ सेंटर ले जाया गया. उसी चिकित्सक ने कहा कि इंजेक्शन के कारण संक्रमण हो गया है. इसके बाद उन्होंने पुन: इंजेक्शन और दवा दी. लेकिन दूसरे दिन हाथ का दर्द और बढ़ गया तथा अंगुलियां टेढी होने लगी. फरजाना को पुन: हेल्थ सेंटर ले जाने के बाद उक्त चिकित्सक ने इलाज करने के बजाय उसे रेफर कर दिया.
उन्होंने कहा कि फरजाना को रघुनाथपुर महकमा अस्पताल ले जाया गया. वहां उचित इलाज की व्यवस्था नहीं होने की बात कहकर उसे पीजी अस्पताल (कोलकाता) जाने को कहा गया. पिता अब्दूल सादिक उसे लेकर पीजी अस्पताल गये. वहां जांच और ऑपरेशन करने के बाद चिकित्सकों ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए हाथ काटना पड़ेगा. वहां से परिजन उसे मुंबई अस्पताल लेकर गये.
वहां के चिकित्सक ने भी बायें हाथ को काटने की सलाह दी. उसके परिजन उसे लेकर चेन्नई में अपोलो अस्पताल पहुंचे. वहां के चिकित्सक ने भी हाथ काटने की सलाह देते हुए कहा कि नहीं काटने पर फरजाना की मौत हो सकती है. इलाज खर्च अधिक होने के कारण वे वहां इलाज नहीं करा सके. आखिरकार उन्होंने बेबी चाईल्ड सरकारी अस्पताल में इलाज कराया. वहां चिकित्सक ने उसका हाथ काट कर ऑपरेशन किया.
उसके पिता श्री सादिक ने कहा कि फरजाना मुरारडीह गल्र्स हाइ स्कूल में कक्षा सातवीं में पढ़ती है. अभी उसका सारा जीवन पड़ा हुआ है. फरजाना के चेन्नई से गुरुवार को लौटने के बाद ग्रामीणों ने शनिवार को फरजाना के भविष्य को लेकर मुराडीह ब्लॉक प्राइमरी हेल्थ सेंटर के समक्ष प्रदर्शन किया. इस दौरान वहां पहुंचे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ऑफ हेल्थ डॉ विश्वकर्मा ने कहा कि इस मामले में सीएमओएच से बात करेंगे. इसके बाद ही इस मामले में कोई निर्णय हो सकेगा. उन्होंने पूरे मामले की जांच का भी आश्वासन दिया.