बराकर चेंबर के आजीवन अध्यक्ष गिरिधारी अग्रवाल का निधन
बराकर : बराकर स्टेशन रोड निवासी बराकर चेम्बर ऑफकॉमर्स के आजीवन अध्यक्ष 83 वर्षीय गिरधारी लाल अग्रवाल का निधन सोमवार की सुबह हो गया. शहर में शोक की लहार दौड़ गयी. संवेदना व्यक्त करने वालो की भारी भीड़ उनके आवास पर लगी हुई है . उनका दाह संस्कार मंगलवार की सुबह बराकर नदी तट पर […]
बराकर : बराकर स्टेशन रोड निवासी बराकर चेम्बर ऑफकॉमर्स के आजीवन अध्यक्ष 83 वर्षीय गिरधारी लाल अग्रवाल का निधन सोमवार की सुबह हो गया. शहर में शोक की लहार दौड़ गयी. संवेदना व्यक्त करने वालो की भारी भीड़ उनके आवास पर लगी हुई है . उनका दाह संस्कार मंगलवार की सुबह बराकर नदी तट पर किया जायेगा. वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं.
उनके इकलौते पुत्न निरंजन अग्रवाल को विश्वनाथ केजडीवाल, बासुदेव मसकरा ,कैलाश सर्राफ, अनिल दारूका, दीपक दुधानी, बराकर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव शिव कुमार अग्रवाल, केसरदेव चौधरी आदि ने सांत्वना दी. फॉस्बेक्की के अध्यक्ष सुभाष अग्रवाल, भतीजा अरविंद कुमार अग्रवाल, अंजनी अग्रवाल, संजय अग्रवाल ने उनके सामाजिक जीवन पर कई बातें बतायी.
कुल्टी बराकर अदिसूचित क्षेत्र के अध्यक्ष के साथ-साथ श्री मारवाडी बिद्यालय के अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय मारवाडी सम्मेलन, पश्चिम बंगाल शाखा के कार्यकारिणी सदस्य थे. कई सामाजिक संगठनो में भी रह चुके है. उनके निधन से समाज को भारी क्षति पहुची है . जिसकी भरपाई करना मुश्किल है . समाज सेवी एवं बराकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष गिरधारी लाल अग्रवाल के देहांत को दु:खद बताते हुए पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मधुरकांत शर्मा ने कहा कि स्वर्गीय अग्रवाला सही मायनों में बराकर के प्रतिनिधि थे एवं समाज सेवा से लेकर व्यवसायियों एवं इलाके के अंतिम व्यक्ति के उन्नयन के लिए उन्होंने जीवन समर्पित किया. बराकर की पहचान से वे जुड़ गये थे.
दोनों एक दूसरे के पूरक थे. उनके देहावसान से बराकर के समाज के साथ उन्हें निजी जीवन में क्षति हुई है, जो कभी पूरी नहीं हो सकती.
रामनगर कोलियरी प्रबंधक को इंटक का ज्ञापन: बराकर . बराकर फांड़ी अंतर्गत सेल की रामनगर कोलयरी के प्रबंधन को विभिन्न मांगो से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया .कार्रवाई ना होने पर आंदोलन की धमकी दी गई है. रामनगर कोलयरी मे कार्यरत इंटक सचिव अजय पाल तथा तापस चटर्जी ने कहा कि कोलियरी में कार्यरत इंटरनेशनल सुरक्षा नाम की निजी कंपनी ने कार्यरत 92 कर्मचारियों को छह महीना 24 दिन का बकाया वेतन अभी तक नहीं दिया है.
जिस कारण कार्यरत सुरक्षा गार्ड भूखमरी की स्थिति में आ गये हैं. इस तरह की घटना उक्त कंपनी द्वारा पहली बार नहीं की गई है. पूर्व मे भी कई सुरक्षा कंपनी कार्य कर चुकी है. लेकिन इस तरह की घटना कभी नहीं घटी. रु ंगटा प्रोजेक्ट मे कार्यरत 188 कर्मी पिछले13 वर्ष से कार्यरत है. केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है. तापस चटर्जी ,चिंताहरण मंडल ,काजल दत्ता उपस्थित थे .