गुणवत्ता के आधार पर कोयले की कीमत का भुगतान

सांकतोडिया : चालू वित्तीय वर्ष में कोयले की गुणवत्ता के आधार पर कीमत तय की जायेगी. कोल कंपनियों में कोयला गुणवत्ता और इसकी ग्रेडिंग के लिए राष्ट्रीय तकनीकी संस्थानों की मदद लेगी. इसीएल के सेल्स बिभाग के सूत्नों ने बताया कि कोयले की गुणवत्ता को लेकर कोलकाता में कोल कंट्रोलर अंजनी कुमार और कोयला उपभोक्ताओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2017 8:02 AM
सांकतोडिया : चालू वित्तीय वर्ष में कोयले की गुणवत्ता के आधार पर कीमत तय की जायेगी. कोल कंपनियों में कोयला गुणवत्ता और इसकी ग्रेडिंग के लिए राष्ट्रीय तकनीकी संस्थानों की मदद लेगी. इसीएल के सेल्स बिभाग के सूत्नों ने बताया कि कोयले की गुणवत्ता को लेकर कोलकाता में कोल कंट्रोलर अंजनी कुमार और कोयला उपभोक्ताओं के बीच हुई बैठक में निर्णय लिया गया.
इसको लेकर प्रतिवर्ष एक बुकलेट भी प्रकाशित होगी. कोयले की गुणवत्ता जितनी अच्छी होगी, उसकी कीमत उतना ही ज्यादा होगा. जनवरी, 2016 के पूर्व तक थर्ड पार्टी सैंपलिंग ब्यवस्था न होने से कोल कंपनियों और कोयला खरीदारों के बीच विवाद की स्थिति बन जाती थी.
इसके बाद सिंफर (धनबाद) के लैब से कोल गुणवत्ता की प्रमाणिकता निर्धारित होने लगा. हालांकि कोयला खरीदारों ने बैठक में अब भी कुछ जगहों पर कोल गुणवत्ता (कोल खदान ग्रेडिंग) में गड़बड़ी होने का संदेह जताया. इसके बाद तय हुआ कि अब सिंफर के साथ नजदीकी राष्ट्रीय महत्व वाली तकनीकी संस्थानों की भी मदद ली जायेगी. कोल कंट्रोलर अंजनी कुमार ने कहा कि कोल गुणवत्ता और इसकी ग्रेडिंग को और अधिक बेहतर बनाने के लिए देश की शीर्ष तकनीकी संस्थानों से मदद ली जायेगी. इनके साथ ही आइआइटी (बीएचयू), आइआइटी (गुवाहाटी), आइआइटी (मुबंई) जैसी तकनीकी संस्थानों से पूरे देश में एक साथ कोल ग्रेड का सर्वे कराया जायेगा.

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