श्रमिक अधिकार का हो रहा हनन

हरिपुर : सीएल जामबाद कोलियरी मंदिर के पास एटक से संबद्ध कोलियरी मजदूर सभा ने जनसभा का आयोजन किया. मौके पर सीएमएस महासचिव तथा पूर्व सांसद आरसी सिंह, अखिलेश सिंह, गुरुदास चक्रवर्ती, महिला नेत्री मंजू बोस और रघु सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे. आरसी सिंह ने कहा िक कोयला खदानों की स्थिति दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2017 8:27 AM
हरिपुर : सीएल जामबाद कोलियरी मंदिर के पास एटक से संबद्ध कोलियरी मजदूर सभा ने जनसभा का आयोजन किया. मौके पर सीएमएस महासचिव तथा पूर्व सांसद आरसी सिंह, अखिलेश सिंह, गुरुदास चक्रवर्ती, महिला नेत्री मंजू बोस और रघु सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
आरसी सिंह ने कहा िक कोयला खदानों की स्थिति दिन ब दिन खराब होती जा रही है. दसवें वेतन समझौता की अवधि भी पूरी हो गयी है. लेकिन अब तक प्रबंधन इसे लागू करने में आनाकानी कर रहा है. केंद्र सरकार तमाम कोयला खदानों को घाटे में दिखाकर बंद कर रही है.
कोई बोलने वाला नही है क्योंिक श्रमिकों की शक्ति दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है. प्रबंधन मनमानी कर रहा है. इसे रोकने के लिये श्रमिकों को शक्ति बढ़ानी होगी. तब ही वे अधिकार की रक्षा करने में सफल हो पायेंगे. राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद श्रमिकों की शक्ति पर प्रहार हुआ है. बंद, हड़ताल का िवरोधी बनकर श्रमिक अधिकार का हनन किया जा रहा है. इसके खिलाफ अगले महीने चार मई को कोलकाता के श्रम मंत्रालय का घेराव िकया जायेगा. इसको सफल बनाने की आवश्यकता है तभी श्रमिकों के अधिकार की रक्षा होगी. सभा को अखिलेश कुमार सिंह, गुरुदास चक्रवर्ती आदि ने भी संबोधित किया. सभा को सफल बनाने में महादेव चौधरी, सोमनाथ दे, नूर मियां और जमुना प्रसाद आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे. संचालन जमुना प्रसाद ने किया.
पुनर्वास की मौक पर रैली
हरिपुर. केंदा ग्राम रक्षा कमिटी ने पुनर्वास की मांग तथा हाइकोर्ट के आदेश का पालन कर 28 अप्रेल तक िवस्फोट रोकने की मांग पर केंदा फुटबॉल मैदान से रैली निकाली. केंदा गांव, इस्ट केंदा कॉलोनी, केंदा मोड़ होकर न्यूकेंदा फांड़ी के पास पहुंचकर सम्पन्न हुयी. रैली का नेतृत्व संदीप बनर्जी, अशोक चटर्जी, रबैती रंजन चटर्जी, विश्वनाथ मंडल आदि ने िकया.
संदीप बनर्जी ने कहा िक केंदा ग्राम रक्षा कमिटी की एक ही मांग है केंदा गांव का पुनर्वास. बगल में पैच चलेगा कुछ गांव वालों को दूसरी जगह पुनर्वास िकया जायेगा और बाकी यहां खंडहर में क्यों रहेंगे. साथ ही जमीन का पुनर्मूल्यांकन करना होगा. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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