मेहनत तथा हक का प्रतीक है मजदूर दिवस
अधिकार की रक्षा के िलये एकजुट हो लड़ने का आह्वान सांकतोड़िया. इसीएल मुख्यालय में सोमवार को मजदूर दिवस के अवसर पर शहीद वेदी पर निदेशक कार्मिक केएस पात्र, निदेशक वित्त एएम मराठे सहित अन्य अधिकारियों ने पुष्पांजलि अिर्पत की. मौके पर सीएमडी के तकनीकी सचिव नीलाद्रि राय, महाप्रबंधक(िसविल)अभय कुमार वर्मा, अपर महाप्रबंधक सीएसआर आरके श्रीवास्तव, […]
अधिकार की रक्षा के िलये एकजुट हो लड़ने का आह्वान
सांकतोड़िया. इसीएल मुख्यालय में सोमवार को मजदूर दिवस के अवसर पर शहीद वेदी पर निदेशक कार्मिक केएस पात्र, निदेशक वित्त एएम मराठे सहित अन्य अधिकारियों ने पुष्पांजलि अिर्पत की. मौके पर सीएमडी के तकनीकी सचिव नीलाद्रि राय, महाप्रबंधक(िसविल)अभय कुमार वर्मा, अपर महाप्रबंधक सीएसआर आरके श्रीवास्तव, महाप्रबंधक पीएंडआइआर रवीन्द्र कुमार राउत, अपर महाप्रबंधक(प्रशासन) पीके पात्र,
बीएमएस के उत्तम बनर्जी, इंटक के िवमान िबहारी मुखर्जी, एचएमएस के एसएन पुइतंडी, एटक के गणेश िसंह, सीटू के रविशंकर प्रसाद, केकेएससी के मल्याद्रि बोस, टीयूसीसी के प्रदीप चटर्जी, यूटीयूसी के माधव बनर्जी सहित अन्य मौजूद थे. स्वागत भाषण एके लाल ने दिया. धन्यवाद ज्ञापन आरके श्रीवास्तव ने िदया. मुख्य अतिथि कार्मिक निदेशक केएस पात्र ने सबसे पहले उन वीर शहीदों को नमन किया जिन्होंने कोयला खदानों में काम करते-करते अपने प्राणों की आहुति दी है. उन्होंने कहा िक वर्ष 2016 -17 में कंपनी अपना निर्धारित लक्ष्य हासिल नहीं कर पायी है. इस कारण कंपनी की वित्तीय हालत ठीक नहीं है. उन्होंने कहा िक कमी की भरपायी करना सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है. चालू वर्ष 2017 -18 में कंपनी को 52 मिलियन टन का लक्ष्य दिया गया है. इसे प्राप्त करने के लिये अभी से लग जाना होगा तभी टारगेट पूरा हो सकेगा. श्री पात्रो ने कहा िक मजदूर िदवस मेहनत व हक का प्रतीक है. दुनिया के 80 देशों में मजदूर दिवस मनाया जाता है. दूसरी तरफ, भूमिगत खदानों को बंद करने के बारे में कहा िक कोयला रहते हुये एक भी खदान बंद नहीं होगी. वहां मशीनीकरण होगा. लेिकन जहां कोयला नहीं है, उसे बंद करना मज़बूरी है. उन्होने कहा िक सोदपुर एरिया सबसे अधिक घाटे में चल रही है. उसके बाद भी 17 एसडीएल लगाने की योजना है. 12 एसडीएल मिल गयी है. उसे लगाने की प्रक्रिया जारी है. कम से कम नो प्रॉफिट नो लोस में आना होगा. कंपनी में पांच कॉन्टिनुएस माइनर लगाया जायेगा. झांझरा में दो लगा है, निमचा एवं श्रीपुर में हाइवाल माइनिंग लगाया जायेगा. लेिकन प्रति टन हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है. इसके लिये सभी को सोचना होगा.
निदेशक वित्त एएम मराठे ने भी वीर शहीदों को नमन करते हुए कहा िक मजदूर िदवस कई देशों की संस्कृति में रच बस गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजदूर िदवस मनाने की शुरुआत 1886 में हुई थी. भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने एक मई 1923 को की थी. उन्होंने कहा िक श्रमिकों ने खून पसीने से हमारी उपलिब्धयों को आधार दिया है. उसे सजाया-संवारा है. श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने भी अपने िवचार रखे.