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यूनियनों ने ठेका श्रमिकों को हटाने का किया विरोध

महाप्रबंधक आरती से मिलकर उन्हें बहाल करने की मांग की बर्नपुर. बर्न स्टैंडर्ड कंपनी की चारों श्रमिक यूनियनों ने गुरुवार को ठेका श्रमिकों को हटाने के विरोध में महाप्रबंधक आरती गांगुली ने मुलाकात की. बर्न स्टैंर्ड इंप्लाइज यूनियन(सीटू) के देवाशिष कर्मकार, नारायण कुंडू, सुब्रत मुखर्जी, आसनसोल ऑयरन एंड स्टील वर्कर्स यूनियन(इंटक) अमर सिंह, जसपाल सिंह, […]

महाप्रबंधक आरती से मिलकर उन्हें बहाल करने की मांग की
बर्नपुर. बर्न स्टैंडर्ड कंपनी की चारों श्रमिक यूनियनों ने गुरुवार को ठेका श्रमिकों को हटाने के विरोध में महाप्रबंधक आरती गांगुली ने मुलाकात की. बर्न स्टैंर्ड इंप्लाइज यूनियन(सीटू) के देवाशिष कर्मकार, नारायण कुंडू, सुब्रत मुखर्जी, आसनसोल ऑयरन एंड स्टील वर्कर्स यूनियन(इंटक) अमर सिंह, जसपाल सिंह, प्रदीप महतो, आसनसोल ऑयरन स्टील वर्कर्स यूनियन(एटक) खुर्शीद आलम, गौतम चक्रवर्ती, इफ्कार आलम, अशोक दास, आइएसडब्ल्यू वर्कर्स यूनियन (एचएमएस) दिलबाग सिंह, मुजविंद्र घोष, ओमियो कविराज आदि शामिल थे
.
श्री कर्मकार ने कहा कि बर्न स्टैंडर्ड प्रबंधन प्रति माह 30 से 40 वैगन उत्पादन का लक्ष्य देता है. प्रतिमाह चार से पांच श्रमिकों को हटा दिया जा रहा है. सीएमडी अरशद आलम ने बर्न स्टैंडर्ड दौरे में लीव इनकैसमेंट की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया था. लेकिन अब तक उसका भुगतान नही हुआ. ग्रेच्युटी देने के नाम पर प्रबंधन ने चुप्पी साधी है. सीएमडी के दौरे में बताया गया था कि बर्न स्टैंर्ड को पिछले वित्तीय वर्ष में लाभ हुआ है लेकिन श्रमिकों का हक अब तक नहीं दिया गया. कंपनी से सेवानिवृत श्रमिक को पुन: ठेका पर रखना होगा.
सीटू ने काला बैज लगाकर किया प्रदर्शन
बर्नपुर. एबीके मेंटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन(सीटू) ने स्कॉब गेट के समक्ष शनिवार को सीसीपी दुर्घटना में पांच ठेका श्रमिकों की मौत के विरोध में प्र्दशन किया. साथ ही सुबह से यूनियन के सदस्यो ने काला बैज पहनकर विरोध प्रदर्शन किया. इसमें महासचिव देवाशिष बोस, उपाध्यक्ष विमल दत्त, टुलूकांति भट्टाचार्य, संयुक्त सचिव प्रदीप घोष, उत्तम चटर्जी, यूसीडब्ल्यू महासचिव सौमित्र मुखर्जी, नियानंद गोपाल मुखर्जी आदि उपस्थित थे.
श्री चटर्जी ने बताया कि शनिवार को आइएसपी के बीओसीपी में हुयी दुर्घटना में पांच श्रमिको की जान चली गयी. एक वर्ष पहले सीटू यूनियन के सदस्यो ने बीओपीसी का मुआयना करने के बाद प्रबंधन को आगाह किया था. सुरक्षा सबंधित जानकारी दी गयी थी. कमिशन गठित कर जांच करानी चाहिए थी. स्थायी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करने चाहिए थे. आधुनिकीकरण से लेकर अब तक 42 श्रमिकों की जान जा चुकी है.

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