शहादत दिवस पर चिनाकुड़ी में शरबत वितरण
चिनाकुड़ी. सिखों के गुरु अर्जन देव के 411वें शहीदी दिवस पर चिनाकुडी तीन नंबर गुरु द्वारा प्रवंधन कमेटी ने सोमवार को चिनाकुडी तीन नंबर दुर्गा पंडाल के समीप स्टॉल लगाकर राहगीरों को चना एवं शरबत पिलाया. मौके पर कमेटी के सचिव गुरु विंदर सिंह, सोहन सिंह उर्फ सन्नी, वलकार सिंह, बलदेब सिंह आदि उपस्थित थे. […]
चिनाकुड़ी. सिखों के गुरु अर्जन देव के 411वें शहीदी दिवस पर चिनाकुडी तीन नंबर गुरु द्वारा प्रवंधन कमेटी ने सोमवार को चिनाकुडी तीन नंबर दुर्गा पंडाल के समीप स्टॉल लगाकर राहगीरों को चना एवं शरबत पिलाया. मौके पर कमेटी के सचिव गुरु विंदर सिंह, सोहन सिंह उर्फ सन्नी, वलकार सिंह, बलदेब सिंह आदि उपस्थित थे.
सचिव श्री सिंह ने कहा कि सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जन देव की शहादत अतुलनीय है. मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी श्री अर्जन देव अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे.
वे दिन-रात संगत की सेवा में लगे रहते थे. उनके मन में सभी धर्मो के प्रति अथाह सम्मान था. वे सिख धर्म के पहले शहीद थे. उन्होंने कहा कि गुरु अर्जन देव ने लोक भलाई तथा धर्म प्रचार के कार्य में काफी तेजी लायी थी. नगर अमृतसर में उन्होंने संतोखसर तथा अमृत सरोवरों का काम मुकम्मल करवा कर अमृत सरोवर के वीच हरिमंदिर साहिब का निर्माण कराया. जिसका शिलान्यास मुसलमान फकीर साई मियां मीर से कराया और धर्म निरपेक्षता का सबूत दिया. हरिमंदिर साहिब के चार दरवाजे इस बात के प्रतिक हैं कि हरिमंदिर साहिब हर धर्म -जाति वालों के लिए खुला हुआ है. गरमी के मौसम में काफी संख्या में राहगीरों ने शरवत पीया.