पुनर्वास के लिए एक को जीएम के साथ बैठक

एजेंट के नहीं आने पर आंदोलनकारी यहां से रैली निकाल कर सोनपुर बाजारी एरिया महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 2:03 AM
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जामुड़िया/अंडाल. इसीएल केंदा एरिया के केंदा तीन नंबर माइंस इलाके में भूगर्भ में लगी आग के कारण नियमित हो रहे धंसान से प्रभावित लोगों ने पुनर्वास की मांग को लेकर शुक्रवार को केंदा एजेंट कार्यालय का घेराव किया. एजेंट के नहीं आने पर आंदोलनकारी यहां से रैली निकाल कर सोनपुर बाजारी एरिया महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचे. जिससे रानीगंज हरिपुर मुख्यमार्ग पर लंबा जाम लग गया. हजारों की संख्या में पुरुषों व महिलाओं ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया. बारिश के बावजूद भी आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर डटे रहे. सुबह से चले आंदोलन के बाद शाम पांच बजे केंदा एरिया कार्यालय में क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक और केंदा के एजेंट के साथ आंदोलनकारियों की बैठक हुई. आंदोलन का नेतृत्व दे रहे भुइयां समाज उत्थान समिति के प्रदेश अध्यक्ष सिंटू भुइयां ने कहा कि बैठक में अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे पर एक अक्तूबर को महाप्रबंधक पुनर्वास की मांग कर रहे लोगों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे और उनकी जो मांगे होगी, उसपर ठोस निर्णय लिया जायेगा. श्री भुइयां ने कहा कि जबतक ठोस निर्णय की लिखित में बात नहीं होती है तबतक केंदा तीन नंबर माइंस का कार्य स्थगित रहेगा. खदान में ब्लास्ट होने से स्थानीय घरों के जमींदोज होने का खतरा बढ़ जाता है. गौरतलब है रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना के तहत 142 बस्तियों के पुनर्वास का कार्य कछुए की रफ्तार से भी धीमी गति से चल रहा है. केंद्र और राज्य सरकार के बीच पुनर्वास के पैसे को लेकर गतिरोध के कारण हजारों लोगों की जिंदगियां खतरे में हैं. कभी भी कुछ भी हो सकता है. इस पुनर्वास योजना में केंदा एरिया के बस्तियों के भी नाम शामिल हैं. यहां जमीन के नीचे आग सुलग रही है. बारिश होने पर ही यहां गैस का रिसाव और धंसान आम है. पुनर्वास की मांग को लेकर नियमित रूप से यहां के लोग आंदोलन कर रहे हैं. लोगों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता है. जबतक उन्हें पुनर्वास योजना के तहत आवास नहीं मिल जाता है तब तक के लिए इन्हें अस्थायी रूप से पुनर्वास देने की मांग चल रही है. पिछले एक माह के बीच इस इलाके में दो बार बड़ा धंसान हो चुका है. खदान भी लोगों के घरों के करीब आ गया है. 60 घर ऐसे हैं जो कभी भी जमींदोज हो सकते हैं. तत्काल पुनर्वास करने की मांग को लेकर पहले आंदोलन हुआ था. जिसमें एजेंट ने कब तक पुर्नवास किया जायेगा इसका लिखित आश्वासन देने का समय देकर पलट गये थे. उसी के खिलाफ शुक्रवार को वृहद आंदोलन हुआ. हालांकि इस बार भी उन्हें एक अक्तूबर का आश्वासन मिला है. श्री भुइयां ने कहा कि लोगों की जान से बढ़कर कुछ नहीं है. एक तारीख को ठोस निर्णय नहीं हुआ तो फिर इसीएल के कई खदानों को ठप कर दिया जायेगा.

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