एडीपीसी की पहली अधिकारी नसरीन सुल्ताना को मिलेगा सीएम मेडल अवार्ड
एडीपीसी के इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि, पुलिस आयुक्त ने की खुलकर तारीफ
आसनसोल/रूपनारायणपुर. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) से चीफ मिनिस्टर्स मेडल फॉर बेस्ट इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर 2023 के लिए रूपनारायणपुर पुलिस फांड़ी की प्रभारी महिलाअवर निरीक्षक नसरीन सुल्ताना के नाम की घोषणा हुई. नसरीन एडीपीसी की पहली अधिकारी हैं जिन्हें इस अवार्ड के लिए चयन किया गया है. इससे पहले किसी पुरुष या महिला पुलिस अधिकारी को एडीपीसी में यह अवार्ड नहीं मिला है.
पुलिस आयुक्त सुनील कुमार चौधरी ने इस अवार्ड के लिए नसरीन सुल्ताना को बधाई देते हुए कहा कि एडीपीसी के लिए यह गर्व की बात है. राज्य से कुल चार अधिकारियों को इस केटेगरी में अवार्ड देने के लिए चुना गया है. श्रीमती सुल्ताना ने बहुत अच्छा काम किया है और वह इस अवार्ड के योग्य हैं.गौरतलब है कि राज्य के चार पुलिस अधिकारियों को चीफ मिनिस्टर्स मेडल देने की घोषणा हुई है. जिनमें बीरभूम जिले के उप पुलिस अधीक्षक मोहम्मद जुल्फीकार मोल्ला को चीफ मिनिस्टर्स मेडल 2023 फॉर लाइफ टाइम एक्सेलेंस इन इन्वेस्टिगेशन का अवार्ड, सुंदरवन पुलिस जिला के अवर निरीक्षक अर्पण नायक को चीफ मिनिस्टर्स मेडल फॉर बेस्ट इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर 2023 का अवार्ड और एडीपीसी की महिला अवर निरीक्षक नसरीन सुल्ताना और रानाघाट पुलिस जिला के अवर निरीक्षक सुब्रत दास को चीफ मिनिस्टर्स मेडल फॉर सेकेंड बेस्ट इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर 2023 का अवार्ड मिलेगा. इसमें प्रथम दो अधिकारियों को नकद 50 हजार रुपये के साथ मानपत्र और मेडल मिलेगा. श्रीमती सुल्तान को 40 हजार नकद राशि के साथ मानपत्र और मेडल मिलेगा.
शिक्षक बनने का सपना लेकर पढ़ाई पूरी करने के बाद बन गयीं पुलिस अधिकारी
श्रीमती सुल्ताना मुर्शिदाबाद जिले के रघुनाथगंज थाना क्षेत्र की जोदकोमल इलाके की निवासी हैं. तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी नसरीन ने वर्ष 2012 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और शिक्षक बनने की चाह में बीएड में दाखिला ले लिया. उन्होंने बताया कि बीएड की पढ़ायी पूरी होने के बाद वर्ष 2014 में पुलिस अवर निरीक्षक की बहाली निकली. उन्होंने इसके लिए आवेदन किया. घरवालों ने भी उनका हौसला बढ़ाया. उन्होंने सारी परीक्षाएं पास की और पुलिस अधिकारी बनी. ट्रेंनिग के दौरान ही चार दिनों की छुट्टी में उनकी शादी हुई. उनकी आठ साल की एक बच्ची भी है. श्रीमती सुल्ताना की पहली पोस्टिंग वर्ष 2015 में दुर्गापुर थाने में हुई. उसके बाद आसनसोल महिला थाने की प्रभारी बनीं. यहां के बाद दुर्गापुर महिला थाने की प्रभारी का पद मिला. नसरीन पहली महिला अधिकारी बनीं जिन्हें अंडाल थाना क्षेत्र के उखड़ा पुलिस फांड़ी का प्रभारी बनाया गया. यहां उनके बेहतर कार्य को देखते हुए सबसे व्यस्त क्षेत्र रूपनारायणपुर पुलिस फांड़ी का उन्हें दायित्व मिला. फिलहाल वह यहीं तैनात हैं.पॉक्सो के दो मामलों में उनकी जांच के आधार पर आरोपियों को हुई सजा
चीफ मिनिस्टर्स मेडल फॉर बेस्ट इन्वेस्टिगेशन अवार्ड के लिए पुलिस अधिकारी का पूरा रिकॉर्ड खंगाला जाता है. यह देखा जाता है कि उसने अपने कार्यालय में कितने मामलों की जांच की, कितने मामलों में आरोपियों की सजा हुई. इसके आधार में उक्त अवार्ड के लिए एडीपीसी से श्रीमती सुल्ताना के नाम को भेजा गया गया था. श्रीमती सुल्ताना ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में 127 मामलों की जांच की हैं. जिनमें से दो मामलों में आरोपियों को पिछले साल सजा हुई. आसनसोल महिला थाने में प्रभारी रहने के दौरान वर्ष 2016 और 2019 में पॉक्सो के दो मामलों में आरोपियों को सजा हुई. दोनों मामले कस्टडी ट्रायल में चल रहे थे. वर्ष 2016 के मामले में आरोपी की पांच साल के कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना की और 2019 के मामले में आरोपी को तीन साल का कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है