अग्निमित्रा ने विभिन्न कारखानों का लिया जायजा

आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र स्तिथ रानीगंज के मंगलपुर औद्योगिक नगरी में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा लगातार गहराता जा रहा है. इस क्षेत्र में स्थित छह स्पंज आयरन कारखानों से निकलने वाले प्रदूषण ने स्थानीय लोगों के जीवन को मुश्किल बना दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2024 9:46 PM

रानीगंज.

आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र स्तिथ रानीगंज के मंगलपुर औद्योगिक नगरी में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा लगातार गहराता जा रहा है. इस क्षेत्र में स्थित छह स्पंज आयरन कारखानों से निकलने वाले प्रदूषण ने स्थानीय लोगों के जीवन को मुश्किल बना दिया है. समस्या के समाधान के लिए आसनसोल दक्षिण विधायक अग्निमित्रा पाल शनिवार को कारखानों में पहुंचीं और कारखानों के प्रदूषण सबंधी जानकारी ली. विधायक अग्निमित्र पाल श्री श्याम सेल पावर लिमिटेड, जय बालाजी कारखाना, श्री सत्या स्पंज आयरन कारखाना, श्री गोपाल गोविंद स्पंज कारखाना, सावित्री स्पंज आयरन और धनबाद फ्यूल स्पंज कारखाना में पहुंची थीं. शनिवार सुबह 11 बजे तक उन्होंने मंगलपुर औद्योगिक में एक के बाद एक फैक्टरी में गयीं और जांच की कि क्या प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि प्रत्येक मिल के प्रभारी अधिकारियों से बात कर सात दिनों के अंदर प्रदूषण पर नियंत्रण किया जाये. इसके बाद वह बख्तारनगर गांव इलाके में पहुंची और इस प्रदूषण से प्रभावित एक परिवार के सदस्य को देखने गयीं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन समग्र गतिविधियों के बाद कारखानों के प्रदूषण पर कितना नियंत्रण किया जाता है. हालांकि ग्राम रक्षा वाहिनी प्रदूषण पर लगातार नजर बनाए हुए है.

उन्होंने आगे कहा कि रानीगंज के मंगलपुर औद्योगिक क्षेत्र में कारखानों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है. यहां पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जिन मशीनों का इस्तेमाल करना चाहिए, उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. कारखाना प्रबंधन अपने ज्यादा फायदे के लिए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां पर कारखाने से होने वाले प्रदूषण की वजह से लोगों को गंभीर बीमारियां हो रही हैं, लेकिन कारखाना प्रबंधन प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. विधायक ने कहा कि उन्हें सात दिन का समय दिया गया है. समय बीत जाने के बाद वह फिर से निरीक्षण पर आयेंगी और राज्य सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इनको क्या दिशा निर्देश दिया गया है, इसका जायजा लेंगी. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के शासनकाल में राज्य में एक भी ऐसा विभाग नहीं है, जहां पर भ्रष्टाचार नहीं है. राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. विधायक ने कहा कि उन्हें तो लगता है कि राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी यहां आते भी नहीं हैं, उससे पहले ही कारखाना प्रबंधन द्वारा किसी होटल में उनके साथ समझौता कर लिया जाता है जिसका खामियाजा इस क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ता है.

स्थानीय लोगों की समस्याएं

ज्ञात हो कि इस अंचल से सलंग्न बख्तानगर ग्राम के निवासी लंबे समय से प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं. कारखानों से निकलने वाले धुएं के कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है और कई तरह की बीमारियां हो गयी हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विधायक के दखल के बाद कारखाने प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version