गीत गोविंद के रचयिता की पावन भूमि पर अखाड़ों में लोक गीतों का सुरीला समागम

बीरभूम जिले के बोलपुर अनुमंडल के तहत इलम बाजार पंचायत समिति के तहत पड़ने वाले केंदुली जयदेव मेले में इस वर्ष भी मकर संक्रांति पर लाखों पूण्यार्थी अजय नदी में स्नान कर प्राचीन राधा विनोद मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. मकर संक्रांति पर सदियों पुराना पारंपरिक जयदेव मेला मंगलवार से शुरू हो रहा है. मकर स्नान में लाखों लोग अजय नदी में डुबकी लगायेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2025 9:51 PM

पानागढ़/बीरभूम.

बीरभूम जिले के बोलपुर अनुमंडल के तहत इलम बाजार पंचायत समिति के तहत पड़ने वाले केंदुली जयदेव मेले में इस वर्ष भी मकर संक्रांति पर लाखों पूण्यार्थी अजय नदी में स्नान कर प्राचीन राधा विनोद मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. मकर संक्रांति पर सदियों पुराना पारंपरिक जयदेव मेला मंगलवार से शुरू हो रहा है. मकर स्नान में लाखों लोग अजय नदी में डुबकी लगायेंगे. गीत गोविंद के रचयिता कवि जयदेव की इस पावन जन्मभूमि पर मकर संक्रांति पर लगने वाले मेले का अपना अलग ही अंदाज है. अजय नदी के किनारे सैकड़ों की तादाद में लगने वाले अखाड़ों में लोक, बाउल आदि गायकों की मंडली इस पावन भूमि पर एक साथ एकत्रित होती है. कड़ाके की ठंड के बावजूद ये बाउल और लोक गायक अपनी नयी रचनाओं को सुनाते हैं. जगह जगह विभिन्न अखाड़ों में रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते रहते हैं. कवि जयदेव की रचनाओं को भी मुख्य तौर पर इन अखाड़ों में गाया जाता है. मकर संक्रांति पर स्नान के लिए आने वाले भक्त और पूण्यार्थी भी जयदेव मेले के अखाड़ों में पहुंचते हैं. जयदेव के राधा विनोद मंदिर में भारी संख्या में भक्त स्नान के बाद पूजा अर्चना के लिए पहुंचते है. साधु-संतों, और पूण्यार्थियों का जुनून देखते ही बनता है. शीत लहरी और ठंड को नजरअंदाज करते हुए मकर संक्रांति की परंपरा को बनाये रखने के लिए तीर्थयात्री अखाड़ों और आश्रमों में जुटने लगे हैं. जयदेव मेले को देश-विदेश के लोग मुख्य रूप से बाउल-फकीर और लोक गीतों के मेले के नाम से जानते हैं. बोलपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राणा मुखोपाध्याय ने बताया कि इस बार जयदेव मेले को देखते हुए सुरक्षा मजबूत की गयी है. करीब 2700 पुलिसकर्मी यहां तैनात रहेंगे. इनमें लगभग 100 पुरुष और 250 महिला पुलिसकर्मी हैं. 1600 सिविक वॉलेंटियर भी देखभाल करेंगे. स्नान घाटों और मेला परिसर में निगरानी के लिए 16 वॉच टावर लगाये गये हैं. व्यस्ततम स्थानों यानी मेला मैदान, अखाड़ा, स्नान घाट पर लगभग 180 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. 20 ड्रॉप गेट भी तैयार किये गये हैं. भीड़ से निपटने के लिए आठ पार्किंग जोन बनाये गये हैं. ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जायेगी. आपातकालीन सेवाओं के लिए तीन मेडिकल टीमें और पांच एंबुलेंस भी मेला परिसर में मुस्तैद रहेंगी. पूरे मेले में पुलिस सहायता शिविर, हेल्थ कैंप, आपातकालीन टीम, महिला रैफ की लगभग 20 की टीम भी मुस्तैद रहेगी. डिजास्टर मैनेजमेंट के लोग भी नदी किनारे मौजूद रहेंगे.

इलम बाजार के बीडीओ अनिर्बान मजूमदार ने बताया कि मेले में 88 स्थायी अखाड़े हैं. साथ ही करीब 250 अस्थायी अखाड़े भी बनाये गये हैं. मेले में 600 स्टॉल लगाये गये हैं. अजय के जल में स्नान के लिए छह घाट तैयार किये गये हैं. घाटों पर महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए लगभग 30 घर (चेंज रूम) तैयार किये गये हैं. आपदा प्रबंधन के 10 दल घाटों पर मौजूद रहेंगे. स्नान घाट पर बल्लियों से नदी में घेराबंदी की गयी है. जिससे कोई भी नदी में खतरे की सीमा के आगे न जाये. इसके अलावा 200 से अधिक अस्थायी शौचालयों का निर्माण किया गया है. हालांकि, इस बार बीरभूम जिला परिषद और इलम बाजार पंचायत समिति की फंडिंग से 160 से अधिक स्थायी शौचालयों का निर्माण भी किया गया है. पर्याप्त पेयजल के लिए टंकियों की व्यवस्था की गयी है. हालांकि, इस बार मौसम अच्छा होने के कारण प्रशासन को लगता है कि अन्य वर्षों की तुलना में इस बार 20 फीसदी ज्यादा पूण्यार्थी जयदेव मेले में पहुंचेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version