पश्चिम बंगाल में गौ तस्करी मामले के आरोपी बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल (Anubrata Mandal) की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. एक बार फिर उन्हें 14 दिनों के लिए जेल हिरासत में भेज दिया गया है. अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव बाद हिंसा मामले में अनुब्रत मंडल को हिरासत में लेने की सीबीआई की याचिका खारिज कर दी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को वापस कलकत्ता हाईकोर्ट भेज दिया है.
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अनुब्रत मंडल को पिछली बार फरवरी महीने में चुनाव के बाद हुए हिंसा मामले में पूछताछ के लिए कई बार तलब किया था. उस वक्त अनुब्रत मंडल ने बीमारी का हवाला देकर पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए थे. अनुब्रत ने गिरफ्तारी के डर से सुरक्षा की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा कि सीबीआई उस मामले में अनुब्रत मंडल गिरफ्तार नहीं कर सकती. उसके बाद पिछले अगस्त में अनुब्रत को गौ तस्करी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी अनुब्रत मंडल की याचिका को खारिज कर दिया और सुरक्षा कवच देने से इंकार कर दिया है.
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ईडी अनुब्रत मंडल को पूछताछ के लिये दिल्ली ले जाना चाहती थी. आसनसोल कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी. हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अनुब्रत मंडल दिल्ली जा रहे या नहीं. फिलहाल उन्हें जेल हिरासत में ही रहना होगा. गौरतलब है कि मवेशी तस्करी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल के करीबी व्यवसायी व नेता भी हैं. सीबीआई की ओर से लगातार तथ्यों को खंगालने का कार्य जारी है.
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